जैन धर्म के दशलक्षण महापर्व का आज चौथा दिन उत्तम शौच धर्म
हापुड़(अमित मुन्ना/तुषार जैन)। कसेरठ बाजार स्थित श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पर्व राज दशलक्षण पर्व के शुभ अवसर पर भव्य आयोजन श्री 108 विद्यासागर महाराज जी के शिष्य पंडित प्रवीण भैया जी द्वारा मधुर ध्वनि के साथ संपन्न हुआ। प्रातः काल से ही मंदिर जी में नित्यनियम पूजा प्रक्षाल विधि विधान द्वारा किये गए जिसमें तीर्थंकर विधान सुधीर कुमार आशीष जैन द्वारा कराया गया। विधान में काफी श्रद्धालुओं ने भाग लिया । इस दशलक्षण महापर्व पर पंडित प्रवीण भैया जी ने बताया कि *उत्तम शौच धर्म* कहता है की लोभ परिहारी संतोषी गुण रतन भंडारी – अर्थात इसका अर्थ है कि जिस व्यक्ति ने अपने मन को निर्लोभी बना लिया है, संतोष धारण कर लिया है उसका जीवन परम शांति को उपलब्ध हो जाता है शाम के समय मंदिर जी में सामूहिक आरती की गई तत्पश्चात रात्रि में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें रात्रि भोजन का त्याग ,सप्त व्यसन ,जल छानना ,अहिंसा ,धर्म के दशलक्षण पर्व आदि विषयों पर वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए जिसमें अनिता, रेखा, गरिमा मगन सपना गीता प्रभा गर्वित ऋषभ अदिति हितार्थ डेलिना आदि ने भाग लिया । जिसका संचालन रेणुका जैन और सुधीर जैन द्वारा किया गया । इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष राजेश जैन महामंत्री अशोक जैन कोषाध्यक्ष सुखमाल जैन ,जैन मिलन के सदस्य,महिला मिलन सुमति के सदस्य,नितिन जैन अकाश जैन सुधीर जैन सुनील विनोद सुरेश तुषार अनिल राहुल संदीप गौरव कनिका,बीना,ममता मधु ,शिल्पी,सरोज प्रगति शिप्रा वंदना प्रेरणा आदि लोग उपस्थित थे