fbpx
ATMS College of Education
News

जाम से परेशान हैं हापुड़वासी, ट्रैफिक पुलिस समाधान में है फेल

प्रत्येक सोमवार को लगने वाले जाम से जनता परेशान

-करोड़ों खर्च करने के बावजूद जाम की समस्या ज्यों की त्यों

-स्थानीय अधिकारी प्रतिदिन होते है जाम का शिकार

-ध्वनि प्रदूषण के कारण बहरेपन के शिकार हो रहे है नागरिक

-जाम से प्रतिदिन लाखों लीटर डीजल पैट्रोल होता है,बर्बाद

 

हापुड़।

देश विदेश में पापड़ नगरी के नाम से विख्यात हापुड़ पर जाम भारी पड़ गया है। सुबह से शाम तक लगने वाले जाम के कारण अब यह जाम नगरी के नाम से मशहूर हो गया है। करोड़ों की लागत से बना बाईपास भी जाम में सुधार नहीं ला सका है। सोमवार को लगने वाले जाम की समस्या का समाधान नहीं होने से जनता परेशान है।

                 आपको बता दें कि चार दशक पूर्व हापुड़ के पापड़ की विदेशों तक धूम थी। जिस कारण यह दुनिया भर में पापड़ नगरी के नाम से विख्यात हो गया। मौजूदा समय में पापड़ नगरी की पहचान धीरे धीरे अपना अस्तित्व खोती जा रही है। इस मुख्य कारण शहर के प्रमुख अति व्यस्त तहसील चौराहा पर प्रतिदिन कई-कई घंटे लगने वाला जाम। इससे न सिर्फ यहां का व्यापार प्रभावित हो रहा है। बल्कि आये दिन  राहगीरों के साथ साथ दुकानदारों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

जाम की समस्या से निजाम दिलाने के लिए राष्टï्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा निजाम से लेकर ततारपुर तक करोड़ों की लागत ने बाईपास का निर्माण कराया गया। जिसका उद्घाटन तत्कालीन राजग सरकार में भूतल परिवहन- केन्द्रीय मंत्री रहे चन्द्रभुवन खंडूरी ने किया था। साथ ही उन्होंने जनपद की जनता को आश्वस्त किया था कि अब उन्हें जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। किन्तु स्वार्थी वाहन चालक नहीं चाहते कि वह बाहर जाने के लिए बाईपास का प्रयोग करे। यहीं कारण है कि शहर में डग्गामार वाहनों की तादात इतनी अधिक बढ़ गयी है कि जाम पर काबू पाना टेढ़ी खीर लगती है।

     दिलचस्प बात तो यह है कि यातायात पुलिस को परिवहन सुचारु कराने के लिए मुख्य चौराहों पर तैनात किया गया है किन्तु वह अपने कर्तव्य सही ढंग से निर्वाह नहीं कर पा रहे है। सच्चाई तो यह है कि वह अपनी जेबें भरे या यातायात सुचारु करायें। इतना ही नहीं स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी जाम का प्रतिदिन शिकार होते है। अब उन्हें भी जाम झेलने की आदत पड़ गयी है।

    वहीं ट्रैफिक पुलिस द्वारा भी जाम की समस्या समाप्त करने के लिए कई उपाय किये। लेकिन सभी विफल साबित हुए हैं। वहीं हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा लाखों की लागत से तहसील चौपला,मेरठ तिराहा,पक्का बाग चौराहा पर ट्रैफिक लाइटें लगवायी,जो एक भी नहीं चली,और कबाड़ में तब्दील हो गयी।   टूटकर नीचे आ गयी है।

     शहर में प्रत्येक सोमवार को सुबह से लेकर दोपहर तक तहसील चौराहा व मेरठ तिराहा पर भीषण जाम लगता है,इस समस्या का समाधान कराने में सम्बंधित विभाग फेल नजर आ रहे है। जाम लगने से जनता को परेशानी उठानी पड़ती है,और वाहनों में प्रतिदिन डीजल पैट्रोल बर्बाद होता है। 

Menmoms Sajal Telecom JMS Group of Institutions
Show More

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page