हापुड़। जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने सभी ग्राम पंचायतों में 13 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय हाथ धुलाई दिवस व विश्व आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस मनाने के निर्देश दिए हैं। निर्देश ग्राम पंचायत सचिवों व सभी सहायक विकास अधिकारी पँचायत को दिए गए हैं। ग्राम प्रधानों से भी अनुरोध किया गया है कि कल दोनों दिवस को मनाएं। जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी कालेजों व स्कूलों में दोनों दिवसों को मनवाने के लिए अनुरोध किया गया। आंगनवाड़ी सेंटरो पर दोनों दिवसों को मनवाने के लिए अनुरोध जिला कार्यक्रम अधिकारी से किया गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी का मानना है कि ग्रासरूट पर दोनों दिवसों को मनाने से लोगों में सुरक्षा की संस्कृति विकसित होगी, जोखिम भी कम होगा। ग्राम पंचायतें सुरक्षित होने की दिशा में आगे बढ़ेंगी। 13 अक्टूबर को विश्व आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस और 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस है। 15 अक्टूबर को शासकीय अवकाश होने के कारण स्कूल, कालेज व अन्य संस्थान बन्द रहेंगे इसलिए विश्व हाथ धुलाई दिवस भी 13 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
जिला पंचायत राज अधिकारी का कहना है कि ग्राम पंचायतों को सुरक्षित रखने के लिए यह जरूरी है कि ग्रामीणों में खतरा, जोखिम व संवेदनशीलता की समझ बढ़े। खतरे कब ग्राम पंचायतों को प्रभावित करेंगे किसी को पता नही होता है। इसलिये उसके लिए पहले से तैयार रहने की जरूरत है। ग्राम पंचायतों में आपदा प्रबंधन को मजबूत करना है। ग्राम पंचायत विकास योजना में भी आपदा प्रबंधन को शामिल करने के लिए सचिवों को कहा गया है।
वीरेंद्र सिंह का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक व मानवीय आपदाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिये ग्राम पंचायतों में रहने वाले लोगों को समझ होना चाहिये कि अचानक उनको किस तरह के खतरों का सामना करना पड़ सकता है। कैसे उन खतरों से बेहतर बचाव कर सकते हैं। यदि जोखिम न्यूनीकरण पर एक रुपये का निवेश करते हैं तो 10 रुपये का लाभ मिलेगा। 60 प्रतिशत खतरों के जोखिम को कम लोगों को जागरूक कर किया जा सकता है। विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाने से संचारी रोगों का खतरा कम होगा। लोगों को इसके माध्यम से व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए प्रेरित किया जाएगा। भोजन से पहले और शौच के बाद ठीक से कैसे हाथ धोएं इसके लिए डेमो कर लोगों को दिखाया जाएगा। ठीक से हाथ न धोकर खाने से भी बहुत सी बीमारियों का खतरा रहता है।