गोवध के शक में कासिम की पीट पीटकर की थी हत्या , पीड़ित नहीं चाहता था कि दोषियों को हो फांसी

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हापुड़।

थाना धौलाना क्षेत्र में 16 जून 2018 को गौकशी के शक में भीड़ द्वारा कासिम की पीट पीट कर हत्या के मामले में मंगलवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 10 आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 59-59 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई। उधर पीड़ित पक्ष ने दोषियों से कोई निजी दुश्मनी ना होनें की बात कहकर फांसी ना देने की बात कही थी‌।

जानकारी के अनुसार धौलाना क्षेत्र के गांव बझैड़ा खुर्द निवासी कासिम 16 जून 2018 की दोपहर गांव जा रहा था, तभी दोपहर के समय भीड़ ने पकड़ गौकशी का आरोप लगाते हुए पीट पीट कर घायल कर दिया था, जहां अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान घायल हो जानें पर पुलिस द्वारा हाथों से लटकाकर ले जानें का वीडियो वायरल हुआ था।, जबकि उसका साथी समयुदीन घायल हो गया था।

इस मामले में पुलिस ने दो बार अपचारी सहित 12लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी तथा मामले में लापरवाही बरतने पर तीन पुलिसकर्मियों पिलखुवा थाना प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कुमार, कांस्टेबल कन्हैया लाल और अशोक कुमार को लाईन हाजिर कर दिया गया था।

मृतक कासिम के छोटे भाई नदीम ने बताया कि वह पिलखुआ के बझैड़ा गांव के रहने वाले हैं। उनके बड़े भाई कासिम भैंस और बकरियों के व्यापारी थे। 18 जून को साढ़े 11 और 12 बजे के बीच किसी ने फोन कर कासिम को पशु खरीदने के लिए बुलाया था। बाद में पता चला कि गोवध के शक में कासिम की पीट पीटकर हत्या कर दी थी। विशेष लोक अभियोजक विजय चौहान ने बताया कि इस मामलें में मंगलवार को हापुड़ की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपर जनपद न्यायाधीश पॉक्सो श्रीमती श्वेता दीक्षित ने सुनवाई के बाद 10 आरोपियों धौलाना के बझैड़ा निवासी राकेश, हरिओम, युधिष्ठिर, रिंकू,करनपाल, मनीष, ललित,सोनू, कप्तान व मांगेराम को दोषी मानते हुए 302/149, 307/149, 147, 148 और 153ए आईपीसी उन्हें आजीवन कारावास और 59-59 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।उधर दो बाल अपचारी का मामला जुबिनियर कोर्ट में विचाराधीन है।

पीड़ितों ने कोर्ट में तर्क दिया था कि उन्हें आरोपियों से कोई दुश्मनी नहीं है और वे केवल न्याय चाहते है।

उधर दोषियों के परिजनों ने फैसले पर असंतोष जताते हुए उच्च कोर्ट में जानें की बात कही।

समयुद्दीन ने खटखटाया था SC का दरवाजा

ठीक होने के बाद समीयुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच और उचित कार्रवाई की मांग की थी। जिसपर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को मॉब लिंचिंग और घृणा अपराधों से संबंधित तहसीन पूनावाला फैसले में जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद मामले की जांच में तेजी आई थी।

पुलिस ने घटना पर जताया था खेद

कासिम को पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में घसीटते की तस्वीरे सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर पर माफी मांगते हुए कहा लिखा था- हापुड़ की घटना के लिए हमें खेद है और जांच की जाएगी। इसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। तबसे लेकर 6 साल तक मामले की सुनवाई हापुड़ कोर्ट में चलती रही।

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