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एसएसवी डिग्री कॉलेज में मनाया गया स्थापना दिवस,छात्रों के हित में शिक्षक करें नियमित कक्षाओं का संचालन-विजय गोयल,सुरेश संपादक

हापुड (अमित मुन्ना)। शिक्षा प्रसार समिति, एस0एस0वी0 काॅलिज हापुड का स्थापना दिवस एवं बाबू लक्ष्मी नारायण स्मृति दिवस आज श्री सरस्वती विद्यालय इण्टर काॅलिज एवं श्री सरस्वती विद्यालय डिग्री (पीजी) काॅलिज का 76वां स्थापना दिवस दोनो विद्यालयों में धूमधाम से मनाया गया। कोविड-19 के चलते कार्यक्रम संक्षिप्त रहे।
शिक्षा प्रसार समिति ही इन दोनो काॅलिजों का संचालन करती है जिनमें कक्षा 6 से स्नातकोत्तर कक्षाऐं (16 विषयों में) संचालित होती है। शिक्षा प्रसार समिति व श्री सरस्वती विद्यालय की स्थापना 3 सितम्बर वर्ष 1945 में बाबू लक्ष्मी नारायण ने अपने साथियों के साथ की थी जिनमें मुख्यतः थे सरजू प्रसाद माहेश्वरी, मधुसूदन दयाल कोठी वाले, मुरारी लाल तबले वाले, लाला बख्तावर लाल, रायसाहब ताराचन्द मोदी, मधुसूदन दयाल वकील, राघवेन्द्र कृपाल, बाबू परमानंद आदि थे। इस अवसर पर शिक्षा प्रसार समिति और श्री सरस्वती विद्यालय के मंत्री सुरेश चन्द्र सम्पादक ने शिक्षा प्रसार समिति एवं श्री सरस्वती विद्यालयों की प्रगति रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में इण्टर काॅलिज के सामने स्थित लक्ष्मी नारायण मार्केट की चार दुकानों से नाम बदलने से करीब 13 लाख रूपये प्राप्त हुए। इस प्रकार वित्त वर्ष 2019-20 व 2020-21 में करीब 20 लाख रूपये शिक्षा प्रसार समिति को अतिरिक्त आय हुयी है। इसके फलस्वरूप हम अपने इस ढाई वर्ष के कार्यकाल में 28 लाख की नई FDR बनवाने में सफल हुए हैं।

डिग्री काॅलिज के पीछे के दक्षिण-पश्चिम हिस्से (बोटनी विभाग से बी0एड0 विभाग तक) के ऊपर से 33 केवीए (33 हजार वाॅल्ट) की विद्युत लाईन जा रही थी, जिसके चलते हर वक्त दुघर्टना का अंदेशा बना रहता था। जिसको अब हटवा दिया गया है। इस विद्युत लाईन के हटने से काॅलिज की हजारो वर्गमीटर जमीन पर अब निर्माण कार्य किया जा सकता है।

छात्र-छात्राओं के प्रवेश फार्म आनलाईन करा दिये गये है। अब छात्र-छात्राओं को अपना विवरण भरा हुआ प्रिन्टेड फार्म मिलता है जिससे उनके समय व श्रम की बचत होती है।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के अन्तर्गत एस0एस0वी0 काॅलिज को तीन केेन्द्रीय परियोजनाओं के अन्तर्गत अनुदान प्राप्त हुआ है। ये तीन योजनाऐं क्रमश यू0जी0सी0 सीपीई, डीएसटी फिस्ट तथा डीबीटी स्टार काॅलिज स्कीम है। उपरोक्त सभी परियोजनाऐं महाविद्यालय में सफलतापूर्वक संचालित हैं तथा इनके अन्तर्गत खरीदादारी लगभग पूर्ण हो चुकी है।

डीएसटी फिस्ट योजना के अन्तर्गत 95 लाख रूपये आबंटित किये गये थे तथा उसमें से लगभग 78 लाख रूपये की सहायता से केन्द्रीय शोध प्रयोगशाला, आधुनिक क्वाटंम कम्प्यूटेशन लैब, मैट लैब, कम्प्यूटर लैब की स्थापना की गयी है। केन्द्रीय शोध प्रयोगशाला में HPLC AAS FTIR UV VISIBLE जैसे उन्नत व आधुनिक उपकरणों की खरीददारी की गयी है।
केन्द्रीय शोध प्रयोगशाला व शोध हेतु सुविधाओं के बढने से महाविद्यालय में पीएचडी में एनरोल होने वाले छात्रों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है तथा साथ ही बाहर के अन्य महाविद्यालय के शोधरत विद्यार्थी भी अपने सैम्पल यहां टेस्ट कराने लगे हैं।
DST FIST परियोजना के अन्तर्गत महाविद्यालय को एक आधुनिक डिजीटल स्मार्ट क्लास तथा एक सेन्ट्रल कम्प्यूटर लैब की स्थापना हेतु भी धनराशि प्राप्त हो गयी है तथा स्थापना हेतु खरीददारी की जा रही है। लैब की स्थापना शीघ्र हो जायेगी।

DBT STAR COLLEGE SCHEME के अन्तर्गत महाविद्यालय को अभी तक कुल 41 लाख रूपये खर्चे हेतु जारी किये गये हैं। इसमें से लगभग 35 लाख रूपये की धनराशि विज्ञान संकाय के विभाग रसायन विज्ञान, भौतिकी विज्ञान, जन्तु विज्ञान व वनस्पति विज्ञान को और अधिक सुदृढ व आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण बनाने हेतु जारी किये गये थे। इस अनुदान के अंतर्गत बी0एससी0 कक्षाओ के छात्र-छात्राओं को पहली बार विभिन्न स्थानों पर शैक्षणिक भ्रमण हेतु ले जाया गया तथा विभिन्न शिक्षाविदों द्वारा जूम प्लेटफार्म पर आनलाईन लैक्चर दिया गया। इसी योजना के अंतर्गत एक एनालिटिकल लैब स्थापना की जा रही है जिसमें फयूमहूड, आयन मीटर (पानी में मौजूद विषैले तत्वों की पहचान हेतु), बीओडी व अन्य आधुनिक उपकरणों को क्रय कर लिया गया है। ये उपकरण नई शिक्षा नीति 2020 पाॅलिसी के तहत महाविद्यालय में होने आवश्यक हैं तथा साथ ही इन उपकरणों पर सर्टिफिकेशन कोर्सेज प्रारम्भ करने की भी योजना है। महाविद्यालय में मौजूदा उत्कृष्ट श्रेणी के उपकरणों को अब आई-स्टाम्प पोर्टल पर भी डाला जा रहा है जिससे अन्य महाविद्यालयों के भी शोधार्थी रजिस्ट्रेशन शुल्क देकर अपने सैम्पल को यहां टेस्ट करवा सकेंगे।
महाविद्यालय का शैक्षणिक स्तर पर भी अनेक छात्रों का यू0जी0सी0 नेट, गेट, पीजीटी, टीजीटी जैसी परीक्षाओं में भी काफी अधिक चयन हुआ है। ? कोविड-1़9 के दौरान महाविद्यालय के अध्यापकों द्वारा आनलाईन प्लेटफार्म के माध्यम से कक्षाओं का नियमित संचालन किया गया तथा ई-कण्टेन्ट विकसित करके महाविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया तथा साथ ही छात्रों द्वारा सेनेटाइजेशन तथा मास्क वितरण जैसे कार्य भी लगातार किये गये।
महाविद्यालय में उत्तम एंवं आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण एक जिम्नेजियम हाॅल स्थापित किया गया है तथा इसमें पाॅवर लिफिटंग, वेट लिफिटंग प्लेटफार्म, ट्रेडमिल आदि उपकरण खरीदे गये है।
हमारी काॅलिज सम्बन्धी भावी योजनाऐं
डिग्री काॅलिज के सडक की तरफ वाले हिस्से से काफी अवांछनीय बच्चों के प्रवेश से काॅलिज की सुरक्षा व्यवस्था व सम्पत्ति को खतरा रहता है। इसके लिये प्रस्ताव होगा कि भविष्य में इण्टर काॅलिज से लेकर केनरा बैंक तक की बाउन्ड्री वाॅल की बजाए दुकाने बनवाकर इस समस्या का स्थाई समाधान किया जाये।
डिग्री काॅलिज के सामने की साईकिल स्टैण्ड वाली भूमि पर बायोलाॅजिकल गार्डन बनाने के लिये प्रयास शुरू कर दिये गये है।

इस अवसर पर समारोह की अध्यक्षता करते हुए विजय कुमार गोयल ने कहा कि काॅलिजों के संचालन में शिक्षा प्रसार समिति ने कभी किसी भी योजना के लिये धन की तंगी नहीं होने दी है और न भविष्य में होने दी जायेगी किन्तु विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं को छात्र-छात्राओं के हितों को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित करना चाहिए। समारोह में उपाध्यक्ष प्रभात कुमार अग्रवाल, उपमंत्री अमित अग्रवाल जोनी, इण्टर काॅलिज के प्रबन्धक आनन्द प्रकाश आर्य, उपप्रबन्धक पुरूषोत्तम शरण (चौबे), आडिटर सुशान्त बंसल, सदस्य प्रबन्ध समिति जगदीश प्रसाद (जग्गी आलू वाले), दिनेश कुमार शर्मा, धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, आर0डी0 शर्मा, चन्द्रप्रकाश गोयल (पिन्टू), बिजेन्द्र कुमार गर्ग )लोहे वाले), उत्तम चन्द गोयल, अमित प्रकाश अग्रवाल (मुन्ना पत्रकार), डिग्री काॅलिज की प्राचार्या डाॅ0 रेनू बाला, इण्टर काॅलिज के प्रधानाचार्य श्री विजय कुमार गर्ग, विद्यालय स्टाफ तथा छात्र-छात्राऐं आदि उपस्थित थे।

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