उद्यमियों ने दी 1064 करोड़ के निवेश को सहमति, लोगों को मिलेगा रोजगार
हापुड़। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन के बाद भी जिले में उद्यमियों के निवेश का सिलसिला जारी है। हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की ओर से जिले में 12 उद्यमियों ने कुल 1064 करोड़ के निवेश पर सहमति दी है।
उद्यमियों ने जिले में इंडस्ट्रियल पार्क, ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, वेयर हाउस, इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर, शिक्षण संस्थान और पर्यटन क्षेत्र में निवेश के प्रस्ताव आए हैं। योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए बुधवार को मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने उद्यमियों के साथ वर्चुअल बैठक कर उन्हें हर सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
जिले में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 33 हजार करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। उद्यमियों ने जिले में निवेश में काफी रूचि दिखाई है। अब हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की ओर भी 1064 करोड़ के प्रस्ताव तैयार कराए गए हैं। हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण जिले के 12 उद्यमियों को यहां उद्योग स्थापित करने के लिए सुविधाएं मुहैया कराएगा।
बड़ी बात है कि इनमें हापुड़ के उद्योगपति अधिक हैं। प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए प्रस्तावों में ग्रुप हाउसिंग में रूद्रा रियल एस्टेट एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड सौ करोड़ का निवेश करेगी। प्राधिकरण की आनंद विहार में इनके नाम से भूखंड आबंटित हैं। आवेदक द्वारा आंशिक भुगतान कर दिया गया है। इसके अलावा हाउसिंग सोसाइटी में अंशल मित्तल ने 8 करोड़ का निवेश किया है। गाजियाबाद की यूरेका बिल्डर्स 510 करोड़ में ईडब्ल्यूएस आवासीय भवनों का निर्माण कराएगी।
हापुड़ की ही मेरिनो ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज 13 करोड़ की लागत से एजुकेशनल प्राइमरी शैक्षिक संस्था का निर्माण करेगी। इसके अलावा हापुड़ के उद्यमी नरेन्द्र कुमार अग्रवाल 100 करोड़ से कॉमर्शियल वेंचर्स के क्षेत्र में निवेश करेंगे। इनके पास अपनी भूमि है। उन्होंने हापुड़ महायोजना 2031 के अंतिम रूप के बाद परियोजना के प्रारम्भ करने पर सहमति जताई है।
उद्यमी मनोज सिंहल किड्जी 100 करोड़ से हाउसिंग सोसाइटी विकसित करेंगे। रजत अग्रवाल 80 करोड़ की लागत से इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करेंगे। इसके अलावा वेयर हाउस, इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर शिक्षण संस्थान और पर्यटन क्षेत्र में करोड़ों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
निवेशकों की ओर से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उन परियोजनाओं को जल्द से जल्द सुचारू कराने के लिए प्राधिकरण की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। जल्द ही परियोजनाएं धरातल पर नजर आएंगी। – प्रदीप कुमार सिंह, सचिव एचपीडीए
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