अयोध्या राममंदिर में महर्षि बाल्मीकि की प्रतिमा भी हो स्थापित, संत समाज प्रयासरत-बालय ोगी उमेशनाथ
हापुड़(अमित मुन्ना/जनार्दन सैनी)।
मध्यप्रदेश सरकार के राजकीय अतिथि बालयोगी उमेशनाथ ने कहा कि राममंदिर निर्माण का फैसला महर्षि बाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में रामजन्म का उल्लेख अयोध्या में होनें का सबूत होनें पर न्यायालय ने फैसला सुनाया था,इसलिए संत समाज विभिन्न माध्यमों से मंदिर में भगवान बाल्मीकि की प्रतिमा लगवानें का प्रयास कर रहा हैं।
बालयोगी उमेशनाथ ने हरिद्वार कुंभ से लौटते राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य मनोज बाल्मीकि के आवास पर आयोजित स्वागत समारोह के बाद सर्किट हाऊस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि राममंदिर में सबरी,महर्षि बाल्मीकि,वानर एवं भगवान श्रीराम के वनवास के साथियों की भी प्रतिमा लगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उ.प्र. में योगी आदित्यनाथ की सरकार में महिलाएं भले ही भयमुक्त ना हो,लेकिन पुरुष भयमुक्त हो गए । योगी जी की सरकार में रामराज चल रहा है। उनके मुख मंडल से निकली वाणी का पालन प्रदेश ही नहीं पूरे देश की जनता को भी करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोविड़ -19 से लोगों को डरना नहीं है,बल्कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन का पालन करना हैं और दूसरे लोगों को भी गाईडलाईन का पालन करनें के लिए जागरूक करना है,जबकि उन्होंने कृषि कानून व किसानों द्वारा पिछले काफी समय गाजीपुर में दिए जा रहे धरनें को लेकर कहा कि सरकार व जनता को सब पता हैं।
इस दौरान सदस्य मनोज बाल्मीकि ,अनिल टीटू,प्रदीप त्यागी,सतवीर गहलौत,विक्की पत्रकार ,मनोज व समाज के लोग उपस्थित थे।
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