शुगर मिल द्वारा काला सोना के नाम पर किसानों के खाते से निकाली गई लाखों रुपये की रकम
सिंभावली। शुगर मिल द्वारा किसानों के नाम पर एक बार फिर फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है। यहां अनेकों किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से काला सोना नामक दवाई दर्शाकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई है। कुछ किसानों ने मिल से शिकायत भी की है।
सिम्भावली शुगर मिल द्वारा किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से ऋण निकालने के मामले की अभी सीबीआई द्वारा जांच चल रही है। अभी यह जांच पूर्ण भी नहीं हुई है कि शुगर मिल द्वारा किसानों के नाम पर काला सोना (ह्यूमिक एसिड) नामक दवाई के नाम पर लाखों रुपये का घपला उजागर हुआ है। किसानों ने बताया कि शुगर मिल द्वारा उनका गन्ना भुगतान बैंक खातों में दिया जाता है।
लेकिन पिछले कुछ माह से लगातार उनके खाते से (पांच हजार से लेकर 40 हजार रुपये तक की) धनराशि कट रही थी। जिसको लेकर किसानों में बैचेनी पसरी हुई थी। इसी धनराशि की जानकारी करने किसान बैंक पहुंचे तो उनको पता चला कि शुगर मिल द्वारा दी गई दवाई की रकम काटी गई है।
जब किसानों ने मिल को बताया कि उनके यहां किसी तरह की दवाई नहीं पहुंची है तो मिल इस पूरे मामले को दबाने में जुट गया। मिल द्वारा किसानों से पत्र लेकर अब उनको यह धनराशि वापस करने का आश्वासन दिया जा रहा है।
शून्य बढ़ाकर कर दिया लाखों का खेल
काला सोना नामक इस दवाई की कीमत 597 रुपये प्रति किलो है। इस दवाई का काम फसल में बेहतर ग्रोथ करना बताया गया। सर्वप्रथम तो इस दवाई को अधिकांश किसानों ने लिया ही नहीं। उदाहरणतः यदि किसी किसान ने इस दवाई को दो किलो लिया तो उसमें शून्य का इजाफा कर बीस किलो कर दिया गया है। जिसके बाद किसानों के खाते से भारी रकम कटनी शुरू हो गई।
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