राम मंदिर के उद्घाटन की प्रथम वर्षगांठ पर “घर-घर रामायण” अभियान के तहत सांसद गोविल ने वितरित की रामायण
*मेरठ-हापुड़ लोकसभा सांसद अरुण गोविल ने किया “घर-घर रामायण” अभियान का शुभारंभ
हापुड़। सांसद अरुण गोविल ने अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में “घर-घर रामायण” अभियान की शुरुआत की। इस ऐतिहासिक पहल का शुभारंभ हापुड़ से हुआ, जो उनके संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इस अनूठे अभियान का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के अमूल्य धरोहर रामायण की शिक्षाओं और जीवन मूल्यों को घर-घर तक पहुँचाना है।
अभियान का उद्देश्य
“घर-घर रामायण” अभियान के तहत पूरे भारत में 11 लाख रामायण की प्रतियां नि:शुल्क वितरित की जाएंगी। सांसद अरुण गोविल ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य परिवारों को रामायण के पवित्र विचारों और जीवन दर्शन से जोड़ना है उन्होंने बताया कि रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि ऐसा जीवन दर्शन है, जिसमें हर व्यक्ति के लिए नैतिकता, परस्पर प्रेम, और समाज के प्रति कर्तव्य का मार्गदर्शन छिपा है।
सांसद ने कहा,
“रामायण में दिए गए आदर्श और नैतिक शिक्षाएं हर पीढ़ी को प्रेरित करती हैं। यह ग्रंथ समाज और परिवार के बीच प्रेम, सहयोग, और एकता का आधार है। इस अभियान के माध्यम से भारतीय परिवारों में पुनः इन मूल्यों का संचार किया जाएगा।”
अभियान का शुभारंभ और जनता की प्रतिक्रिया
अभियान का शुभारंभ हापुड़ में एक भव्य कार्यक्रम के साथ हुआ। इस अवसर पर जय श्री राम के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। सांसद अरुण गोविल का स्वागत पुष्पवर्षा किया गया। हापुड़ के नागरिकों ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अभियान समाज को जोड़ने और भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
इस दौरान सांसद ने रामायण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह ग्रंथ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि नैतिकता, कर्तव्यपरायणता और समाज कल्याण का पाठ पढ़ाने वाला ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से लोगों में रामायण की शिक्षाओं को अपनाने और उनके अनुरूप अपने जीवन को सुसंस्कारित करने की प्रेरणा मिलेगी।
सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक
“घर-घर रामायण” अभियान के माध्यम से भारतीय संस्कृति के आदर्श मूल्यों को पुनः स्थापित करने का संकल्प लिया गया है। इस पहल के तहत रामायण की प्रतियां हर वर्ग, हर जाति, और हर क्षेत्र तक पहुँचाई जाएंगी। इसका उद्देश्य समाज में धार्मिक, सामाजिक और पारिवारिक समरसता को बढ़ावा देना है।
जय-जय श्री राम के नारों से गूंजा माहौल
जहाँ-जहाँ इस अभियान के तहत सांसद पहुंचे, वहां जय-जय श्री राम के नारों से वातावरण गूंज उठा। स्थानीय नागरिकों ने इस पहल में बढ़-चढ़कर भाग लिया और इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनेगा।
अभियान का विस्तार
सांसद अरुण गोविल ने कहा कि यह अभियान केवल हापुड़ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे पूरे भारत में फैलाया जाएगा। 11 लाख रामायण की प्रतियां वितरित करने का लक्ष्य है, जो न केवल परिवारों को रामायण से जोड़ेंगी, बल्कि उनकी आने वाली पीढ़ियों को भी इस पवित्र ग्रंथ की शिक्षाओं से परिचित कराएंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि अभियान के तहत विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों और ऐसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां धार्मिक ग्रंथों की पहुँच सीमित है। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज और शैक्षिक संस्थानों में भी रामायण की शिक्षाओं को प्रचारित-प्रसारित करने के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
समाज के लिए प्रेरणादायक पहल
“घर-घर रामायण” अभियान की शुरुआत भारतीय संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे समाज में पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही देश में एकता और समरसता का वातावरण निर्मित होगा। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि विनोद गुप्ता अशोक बबली अवनीश त्यागी जी राकेश त्यागी जी दिनेश त्यागी जी समंदर त्यागी जीअमित कुमार शर्मा मनोज तोमर जी सतीश सिंघल रुद्राक्ष त्यागी अमित त्यागी मुनेश त्यागी महेश शर्मा प्रमोद त्यागी सियानंद त्यागी सुबीश त्यागी आशीष त्यागी रुद्राक्ष त्यागी सतवीर त्यागी एवम् विभिन्न गांवों के प्रधान साथ रहे