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मालगाडियों के निर्बाध संचालन को लेकर तैयार किये गये फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य जिले में हुआ पूरा

हापुड़। मालगाडियों के निर्बाध संचालन को लेकर पश्चिम बंगाल से लुधियाना तक बन रहे डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का खुर्जा से खतौली तक ट्रैक तैयार हो गया है। फ्रांस से आए प्रतिनिधिमंडल ने ट्रैक की गुणवत्ता को सही ठहराया है। अब मार्च माह के शुरूआत में इसका ट्रायल रन किया जाना है, जिसकी तैयारियों की जा रही हैं। जिले की सीमा में 21 किलोमीटर तक कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 28 फरवरी तक इस कार्य को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की गई है।

एलएंडटी कंपनी द्वारा खुर्जा से सहारनपुर के पिलखनी तक 225 किलोमीटर में कार्य किया जा रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के दो भाग हैं। पहला भाग वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जो कि दादरी से मुंबई के बंदरगाह तक बन रहा है। वहीं दूसरा भाग है ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जोकि लुधियाना से कोलकाता के डालकुनी तक बन रहा है। हापुड़ के 21 किलोमीटर लंबाई में लाइन बिछाने, ओवरब्रिज, अंडरपास का कार्य पूरा हो गया है। हाल ही में फ्रांस के इंजीनियर्स का एक प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचा था। उन्होंने खुर्जा से खतौली तक ट्रैक और दूसरे निर्माण को परखा। टीम ने ट्रैक की गुणवत्ता को सही पाया।

ट्रायल रन की तैयारियों में जुटी निर्माण कंपनी

शुरूआत में ट्रैक का हापुड़ में नवंबर में ट्रायल होना था। लेकिन बारिश और दूसरी बाधाओं को देखते हुए थोड़ा कार्य पिछड़ गया। अब इसका ट्रायल मार्च महीने की शुरूआत में किया गया है। हालांकि इससे पहले रेलवे के अधिकारी भी इसका निरीक्षण करेंगे। रेलवे के प्रबंध निदेशक आरके जैन व प्रोजेक्ट प्लानिंग डायरेक्टर पंकज सक्सेना जल्दी ही पूरे कार्य की समीक्षा करेंगे। इसके बाद ट्रायल रन की तिथि निर्धारित की जाएगी।

रघुनाथपुर में स्टेशन का 70 फीसदी कार्य पूरा

अधिकारियों के अनुसार दोनों कॉरिडोर के सभी हिस्से दोहरी लाइन के हैं, लेकिन इनमें से खुर्जा से मेरठ होते हुए सहारनपुर तक का हिस्सा एकल पटरी लाइन का है। खुर्जा से सहारनपुर के बीच लोडिंग व अनलोडिंग स्टेशन भी नहीं है। रघुनाथपुर में स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। इसके भवन निर्माण का 70 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है। स्टेशन तक पहुंचने वाली सड़क का निर्माण भी फरवरी के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा जिले में 44 अंडरपास भी बनाए गए हैं। इसके अलावा दो बड़े पुल बन चुके हैं। जिनमें हरसिंहपुर नहर से एनएच 334 और पिलखुवा में निजामपुर के निकट एलिवेटिड रोड पर बनाया गया पुल भी शामिल है।

मुर्सदपुर व नंगौला में ओएचई वायर का कार्य अधूरा

जिले के अंदर फ्रेट कॉरिडोर को लेकर लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो गया है। जर्मनी और फ्रांस की टीमों द्वारा इसका निरीक्षण किया जा चुका है। जो भी काम बचा है उसे 28 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। मार्च में ट्रायल की तैयारियां की जा रही हैं। – गुरविंदर सिंह, प्रबंधक, एलएंडटी।

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