भवनों का सर्वें करनें पहुंची हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की टीम,भवन बचाओं समिति ने किया विरोध,प्राधिकरण सचिव से की वार्ता
हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना )।
अपने भवनों को बचानें के लिए सालों से संघर्ष कर रहे भवन मालिकों के विरोध के बावजूद भी हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की टीम गुरुवार को दिल्ली रोड़ पहुंची ,तो भवन बचाओं संघर्ष समिति ने भारी विरोध कर प्राधिकरण सचिव से अपना आक्रोश जताया।
जानकारी के अनुसार हापुड़ के दिल्ली रोड़ स्थित गांव सबली,चमरी व अच्छेजा के 109 भवनों को प्राधिकरण ने आनंद विहार योजना में शामिल कर उनके दर 19 हजार रूपये मीटर तय कर दी थी।
हापुड़ भवन बचाओं संघर्ष समिति के अध्यक्ष ललित कुमार छावनी वालों.ने बताया कि ये भवन प्राधिकरण के गठन से पूर्व के हैं,जिस पर पालिका का टेक्स भी जमा करवाया जाता है,परन्तु प्राधिकरण के तत्कालीन एक अधिकारी ने अपनी मनमर्जी करते हुए इन भवनों को भी अधिग्रहण में शामिल कर लिया था,तब से अपनें भवनों को बचानें.के लिए संघर्ष चला आ रहा हैं।
गुरुवार को एचपीडीए की टीम इन भवनों का सर्वे करनें मौकें पर पहुंची ,तो पीड़ितों में आक्रोश फैल गया।
भवन बचाओं संघर्ष समिति के अध्यक्ष ललित कुमार छावनी वालें पीड़ितों को लेकर प्राधिकरण सचिव के पा, पहुचें और अपना आक्रोश जताया,जिस पर प्राधिकरण ने एक दो दिन में बैठकर बात करनें को कहकर मामला शांत किया।
प्राधिकरण से पीड़ितों ने आरोप लगाते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट की नॉएडा में सुपरटेक के दोनों टावर्स को गिराने की जजमेंट के बाद तथा ये कहने के बाद की नॉएडा अथॉरिटी की बिल्डरो के साथ सांठ -गाठ थी क्या भवन बचाओ संघर्ष समिति जो गत 15-20 वर्षो से हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण से अपनी नक्शा पास ज़मीन छुटवाने के लिए संघर्ष कर रही है, क्या उसका मामला भी सुलझेगा, क्या मुख्यमंत्री द्वारा नॉएडा अथॉरिटी के भ्रष्ट अफसरों पर कार्यवाही करने और जांच बिठाने के वादे के बाद क्या हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के अफसरों पर भी जांच होगी और भवन बचाओ संघर्ष समिति बनाकर न्याय के लिए जूझ रहे किसानो और छोटे व्यापारियों को राहत और न्याय मिलेगा, जबकि प्राधिकरण के अफसरों ने भवन बचाओ संघर्ष समिति के विषय मे पूर्व मे भी अपनी गलती मानी है।
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