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Uttar Pradesh

पंचायत चुनाव : कई गांवों में प्रधानी का बदल जाएगा आरक्षण, आपत्तियों का निस्तारण अंतिम चरण में

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पंचायतों के आरक्षण का अंतिम प्रकाशन तो रविवार को होगा लेकिन कई गांवों की प्रधानी का आरक्षण बदलना तय माना जा रहा है। मेजा और धनूपुर में ज्यादा परिवर्तन की बात कही जा रही है। दो स्थानों पर तो जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण में भी परिवर्तन की बात कही जा रही हैं। हालांकि, जिम्मेदार अफसर अंतिम प्रकाशन से पहले कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं।

पंचायतों के आरक्षण पर आठ मार्च तक आपत्ति मांगी गई थी। शनिवार तक उनका निस्तारण किया जाना है। यह प्रक्रिया अंतिम दौर में है। ग्राम पंचायत प्रधान के लिए सबसे अधिक 867 आपत्तियां पहुंची हैं। मेजा और धनूपुर ब्लाक में पूर्व के आरक्षण की अनदेखी की शिकायत है। शिकायतकर्ताओं ने इस बाबत साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं। वहीं उरुवा में जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण निर्धारण में भी पूर्व के एक चुनाव के रिजर्वेशन में गलत इंट्री की शिकायत की गई है। प्रक्रिया से जुड़े अफसरों का कहना है कि इन्हीं ब्लाक की पंचायतों के आरक्षण में बदलाव भी होने जा रहे हैं। 

पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर ले रहे दल

विधानसभा से करीब एक वर्ष पहले होने वाले पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक दल उसी के अनुसार तैयारी में भी जुटे हैं। भाजपा ने पहले ही अपने वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतार दिया है। अब सपा ने भी प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी साैंपकर वरिष्ठ नेताओं की जवाबदेही तय कर दी है।

भाजपा की ओर से सभी कैबिनेट मंत्री तथा राष्ट्रीय एवं प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों ने पंचायत चुनाव में प्रचार अभियान की कमान संभाल रखी है। उसी तर्ज पर सपा ने भी राज्यसभा एवं विधान परिषद के सदस्य, विधायक, पूर्व सांसद एवं विधायकों को मैदान में उतार दिया है। क्षेत्र विशेष में उम्मीदवारों के चयन से लेकर उन्हें जिताने के लिए चुनावी रणनीति बनाने तक की जिम्मेदारी उनके पास होगी। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में पकड़ रखने वाले नेताओं की भी सूची तैयार की गई है।

इलाहाबाद-झांसी स्नातक क्षेत्र चुनाव में पार्टी का यह प्रयोग सफल रहा। ऐसे में पंचायत चुनाव में भी पार्टी का अपने-अपने क्षेत्र में पकड़ रखने वालों पर ज्यादा भरोसा है। कांग्रेस भी पंचायत चुनाव को लेकर काफी गंभीरता दिखा रही है। पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य की सभी सीट पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है। प्रत्याशियों की स्क्रीनिंग भी कर ली गई है। खास यह कि राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की मुहर के बाद ही प्रत्याशियों की अंतिम सूची फाइनल होगी।

प्रतापगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अनंतिम आरक्षण सूची जारी होने के बाद सबसे अधिक 405 आपत्तियां प्रधान पद पर आई हैं। जिले के मानधाता, कुंडा और बाबागंज की छह ग्राम पंचायतों से पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए आपत्तियां आई हैं। शुक्रवार को आपत्तियों को निस्तारित करने के लिए जिले के एडीओ पंचायतों को बुलाया गया था। 

जिले में ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख और बीडीसी सदस्यों के आरक्षण की अंतिम सूची का प्रकाशन करने की अंतिम तिथि 15 मार्च है। जिला प्रशासन इस तिथि से पहले सूची को अंतिम रूप देने में जुटा है। शुक्रवार को डीपीआरओ कार्यालय में आरक्षण के लिए आईं आपत्तियों के निस्तारण के लिए जिले के एडीओ पंचायतों को बुलाया गया। प्रधान पद के लिए 405, जिला पंचायत सदस्य के लिए 43, ब्लाक प्रमुख 07, बीडीसी सदस्य पद के लिए 247 आपत्तियां आई हैं। प्रधान पद के लिए अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य करने के लिए सबसे अधिक आपत्तियां आई हैं।

मानधाता, कुंडा और बाबागंज की छह ग्राम पंचायतों से 18 आपत्तियां ऐसी हैं, जिनमें सामान्य सीटों को पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करने की मांग की गई है। डीपीआरओ कार्यालय में शुक्रवार को दिनभर हुई माथापच्ची के बाद अधिकांश आपत्तियों को निराधार मानते हुए रद्द कर दिया गया। जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्य के वार्डों के लिए आईं आपत्तियों पर देर शाम तक मंथन होता रहा। शनिवार को माह का द्वितीय शनिवार होने के कारण कार्यालय बंद रहेंगे, मगर आपत्तियों के निस्तारण का काम जारी रहेगा। 

आरक्षण से संबंधित जो आपत्तियां आई हैं, उनका निस्तारण किया जा रहा है। प्रयास है कि 14 मार्च को आरक्षण की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाए। डीपीआरओ को शनिवार तक आपत्तियों को निस्तारित करने को कहा गया है। अश्विनी कुमार पांडेय, सीडीओ 

पंचायतों के आरक्षण का अंतिम प्रकाशन तो रविवार को होगा लेकिन कई गांवों की प्रधानी का आरक्षण बदलना तय माना जा रहा है। मेजा और धनूपुर में ज्यादा परिवर्तन की बात कही जा रही है। दो स्थानों पर तो जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण में भी परिवर्तन की बात कही जा रही हैं। हालांकि, जिम्मेदार अफसर अंतिम प्रकाशन से पहले कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं।

पंचायतों के आरक्षण पर आठ मार्च तक आपत्ति मांगी गई थी। शनिवार तक उनका निस्तारण किया जाना है। यह प्रक्रिया अंतिम दौर में है। ग्राम पंचायत प्रधान के लिए सबसे अधिक 867 आपत्तियां पहुंची हैं। मेजा और धनूपुर ब्लाक में पूर्व के आरक्षण की अनदेखी की शिकायत है। शिकायतकर्ताओं ने इस बाबत साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं। वहीं उरुवा में जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण निर्धारण में भी पूर्व के एक चुनाव के रिजर्वेशन में गलत इंट्री की शिकायत की गई है। प्रक्रिया से जुड़े अफसरों का कहना है कि इन्हीं ब्लाक की पंचायतों के आरक्षण में बदलाव भी होने जा रहे हैं। 

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