fbpx
ATMS College of Education
News

नायब शहर काजी ने कुर्बानी के फोटो व्हाट्स एप पर नहीं डालने की अपील की


हापुड़।
बुलन्दशहर रोड स्थित सराय बसारत अली मस्जिद के इमाम मुफ्ती खालिद कासमी
ने कहा कि जिस महीने में ईद उल अजहा(बकरा ईद) आती है,वह महीना इस्लामी
कलेंडर के अनुसार 12 वॉ महीना होता है। इस महीने की दस तारीख को बकरा ईद
मनाई जाती है। ईद उल अजहा के चांद देखने के बाद मुसलमानों पर अल्लाह की
रहमत नाजिल होनी शुरू हो जाती है।
             मुफ्ती खालिद कासमी सराय बसारत अली में असर की नमाज के बाद
तकरीर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस महीने के पूर्व में नौ दिन बहुत
अधिक फजीलत वाले है। इस माह के आठ दिनों में से किसी भी एक दिन का रोजा
रखने से दो वर्ष के रोजे रखने के बराबर सवाब मिलता है। नौवें दिन रोजा
रखने से पिछले और आने वाले एक वर्ष के गुनाह अल्लाह तआला माफ कर देता है।
इस माह की प्रथम दस रातों में से किसी भी एक रात में अल्लाह की इबादत
करने से शबे कद्र में इबादत करने का सवाब मिलता है।
       उन्होंने कहा कि बकरीद वाले महीने के नौवें दिन से ज्यादा शैतान
स्वयं को किसी और दिन जलील नहीं समझता है। इन दस दिनों में ला इलाहा इल
लल लाह और सुबहानल लाह और अल्लाह की तारीफ अधिक से अधिक करनी चाहिए। और
जिन लोगों पर कुर्बानी वाजिब हो,उन्हें बकरा ईद के दिन कुर्बानी करनी
चाहिए।
          वहीं नायब शहर काजी मौलाना मौ.असअद कासमी ने लोगों से अपील
करते हुए कहा कि ईद उल अजहा(बकरीद)पर कुर्बानी के फोटो व्हाट्स एप पर
नहीं डाले। कुर्बानी सडक़ों व रास्तों पर नहीं करें,पशु अवशेषों को नगर
पालिका परिषद की गाड़ी में डाले,रास्तों पर नमाज न अदा करें। ईद का
त्योहार अमन,सुकून के साथ मनाये। ईद पर दो कार्य विशेष होते है। ईद की
नमाज  अदा करने व अल्लाह को राजी करने के लिए कुर्बानी करना है।
    उन्होंने बताया कि बुलन्दशहर रोड स्थित मुख्य ईदगाह में बकरीद की
नमाज सुबह 7:15 बजे अदा की जाएगी।

Menmoms Sajal Telecom JMS Group of Institutions
Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page