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उघमियों ने की गुलामी का प्रतीक “लीज होल्ड भूमि कानून को बदलने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग

उघमियों ने की गुलामी का प्रतीक “लीज होल्ड भूमि कानून को बदलने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग ,

हापुड़ (यर्थाथ अग्रवाल मुन्ना)।

आईआईए की एक बैठक चैप्टर चेयरमैन शान्तुन सिंघल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें विभिन्न समस्यायों व गुलामी का प्रतीक “लीज होल्ड भूमि कानून को बदलने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है।

प्रधानमंत्री जी का संकल्प ‘गुलामी के हर अंश से मुक्ति के लिए आजादी के अमृतकाल में गुलामी का प्रतिक “लीज होल्ड भूमि कानून को बदलने की आवश्यकता

. प्रदेश के औद्योगिक विकास में तेजी लाने एवं एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में सशर्त बदलाव चाहिए

आईआईए ने उद्यमी महासम्मेलन 2023 में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समक्ष लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किये जाने की मांग रखी है

प्रदेश में Ease of Doing Manufacturing को बढ़ावा देने एवं उद्योग संचालन में सरलता हेतु लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की आवश्यकता

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक संगठन, लंबे समय से प्रदेश में लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग कर रहा है। 30 नवम्बर 2023 को आईआईए द्वारा लखनऊ में आयोजित MSME उद्यमी महासम्मेलन में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष भी इस मुद्दे को प्राथमिकता से रखकर प्रत्यावेदन दिया गया है।

विडियो लिंकः

https://drive.google.com/file/d/19PGmbTi4Cv5CRnHug1Q6ZL5MTSulcUOI/view?usp=sharing

लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग का मुख्य कारण यह है कि यूपीसीडा या उद्योग निदेशालय द्वारा दी गई लीज होल्ड भूमि पर कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उद्यमियों को अनुमतियाँ प्राप्त करने में इन विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल है:

यदि उद्यमी को अपने उद्योग में कोई नया उत्पाद बनाना है

बैंक लिमिट में बदलाव करना है या बैंक बदलना है

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. अपने उद्योग को Blood Relation में हस्तांतरित करना हो

उद्योग की भूमि एवं भवन किराये पर देने हों अथवा भूमि का अमल्गमेशन या सेपरेशन करना हो। ऐसी अनुमतियाँ प्राप्त करने के लिए उद्यमियों को भ्रष्टाचार का भी शिकार बनना पड़ता है, इसके अतिरिक्त इन अनुमतियों को जारी करने की प्रक्रिया में UPSIDA अथवा उद्योग निदेशालय के कर्मचारियों एवं अधिकारियों का भी बहुमूल्य समय नष्ट होता है।

उल्लेखनीय है कि लीज होल्ड भूमि का कानून ब्रिटिश शासन के दौरान लागू हुआ था, जब देशवासियों को गुलाम बनाया गया था। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘अमृतकाल में इस गुलामी के अंशों से मुक्ति पाने का संकल्प लिया है। अतः आज इस कानून को बदलने की नितांत आवश्यकता है।

लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने से उत्तर प्रदेश को कई लाभ होंगे:

प्रशासनिक परेशानियाँ कम होने से उद्यमियों के समय की बचत होगी, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तीव्र होगा। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे सरकार का 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी शीघ्र पूरा होगा।

. फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे, जो सरकार की भी प्राथमिकता है। नए रोजगार सृजित होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार ढूँढने बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

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लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने पर जो राजस्व सरकार को मिलेगी, उससे सरकार नये औद्योगिक क्षेत्र सृजित कर सकेगी।

UPSIDA एवं उद्योग निदेशालय में कर्मचारी एवं अधिकारी अपना समय औद्योगिक विकास की अन्य गतिविधियों में लगा सकेंगे जिससे औद्योगीकरण बढ़ेगा।

उत्तर प्रदेश की रैंकिंग “Ease of Doing Business” के साथ-साथ “Ease of Doing Manufacturing” में भी बढ़ेगा जिससे “Tease of Doing Business” खत्म होगा।

यह भी उल्लेखनीय है कि औद्योगिक भूमि जब लीज होल्ड पर सरकार द्वारा उद्यमी को दी जाती है तो उस समय का पूरा Land Acquisition Cost, Development Charges & Premium उद्यमी से लिया जाता है। जब सभी Costs उद्यमी द्वारा दी जा चुकी है और सरकार की मंशा के अनुसार उद्योग स्थापित कर चलाया रहा है तो उन्हें किरायेदारी से मालिकाना हक क्यों नहीं मिलाना चाहिए? क्या हम आजादी के पूर्व चल रही जमीन्दारी प्रथा की तरह सरकारी जमीन्दारी प्रथा की तरफ नहीं बढ़ रहे है? जमीन्दारी प्रथा एवं लीज होल्ड में समानता पर तैयार की गयी रिपोर्ट आपके सुलभ सन्दर्भ हेतु संलग्न है।

देश के विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तमिलनाडु ने लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की पालिसी लागू है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास विभाग द्वारा विभिन्न कम्पनियों हेतु अधिग्रहित की गयी भूमि को फ्री होल्ड किये जाने सम्बन्धी नीति वर्ष 2016 में जारी कर दी गयी है जो एक हेक्टेयर अथवा उससे अधिक क्षेत्रफल में कार्यरत इकाइयों के लिए लागू है, जिससे सूक्ष्म और लघु उद्योग इस सुविधा से वंचित हैं।

आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल ने 30 नवंबर 2023 को लखनऊ में आयोजित उद्यमी महासम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि प्रदेश की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदला जाए। श्री नीरज सिंघल ने यह भी सुझाव दिया कि लीज होल्ड भूमि को सशर्त फ्रीहोल्ड में बदला जाए जिसमें भूमि का उपयोग औद्योगिक ही रहे। किसी भी स्थिति में नहीं बदला जा सके। इससे औद्योगिक क्षेत्र का स्वरूप यथावत रहेगा और नए उद्योग स्थापित करने की संभावना बढ़ेगी, जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

आईआईए ने वर्ष 2023 से अब तक इस मुहिम में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं जिसमें प्रदेश के सभी सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों, जिलाधिकारियों, उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर ज्ञापन दिया गया है ।

A 20. Joint Forum के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की प्रमुख औद्योगिक संगठनों के साथ भी इस पर विचार विमर्श कर एक आवाज के साथ इस मुद्दे को पुरे देश में उठाया जा रहा है। इस मुहिम के अंतर्गत आईआईए के विभिन्न चैप्टर द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों, सरकारी कार्यालयों एवं प्रमुख स्थानों पर 110 से अधिक जगहों पर होर्डिंग्स डिस्प्ले की गयी है और लोकल इंडस्ट्री एसोसिएशन को साथ लेकर अन्य चैप्टर भी होर्डिंग डिस्प्ले करने की तैयारी में हैं।

इस मौके पर आईआईए के अध्यक्ष शान्तुन सिंघल,सचिव पवन शर्मा,धीरखेड़ा इन्डस्ट्रियल एसोसिएशन के सचिव धीरज चुग सोनू व अन्य उघमी मौजूद थे।

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