मेरी माटी मेरा देश’ से हर भारतवासी को जोड़ेंगे युवा, वीरों का होगा वंदन; संस्कृति मंत्रालय ने की पहल
मेरठ:
आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के साथ ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान भी चलाया जाएगा। मातृभूमि और इसे स्वतंत्रता दिलाने व उसे बरकरार रखने वाले वीरों को समर्पित इस अभियान में युवाओं को भी जोड़ा जा रहा है।
संस्कृति मंत्रालय की इस पहल से युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों से आह्वान किया है। एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत पांच प्रण के दो प्रमुख अंश एकता में शक्ति व परंपराओं पर गर्व के साथ ही शिक्षा मंत्रालय की ओर से पर्यावरण संग जीने की कला विकसित करने और आत्मसात करने के लिए मिशन लाइफ को प्रोत्साहित दिया जा रहा है।
12 मार्च 2021 को साबरमती से दांडी यात्रा के साथ शुरू हुए आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित कार्यक्रमों की श्रृंखला में जून 2023 तक 1.9 लाख कार्यक्रम हो चुके हैं।
संस्कृत मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में भी हर घंटे नौ आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम हो रहे हैं। देश की स्वतंत्रता के बाद यह सबसे बड़ी जनभागीदारी वाला कार्यक्रम है जिसमें 75 वर्ष की आजादी के साथ ही पूरे देश को एक सूत्र में बांधने की कोशिश की जा रही है। मेरी माटी मेरा देश के तहत पंचायत या गांव स्तर से कार्यक्रमों की शुरुआत होगी और ब्लाक, शहरी क्षेत्र, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम होंगे।
होगा वीरों का वंदन
वीरों का वंदन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानियों, पूर्व सैनिकों, बलिदानियों को समर्पित परिचर्चा, एक्सटेंपोर, भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। मिट्टी के दियों के साथ मिट्टी गान और शपथ लेने के आयोजन होंगे।
पंचायत स्तरीय कार्यक्रम नौ से 15 अगस्त तक होंगे। शिलाफलकम यानी मेमोरियल बनाए जाएंगे जिसमें स्थानीय स्वतंत्रता सेना, सैन्य बलिदानी, केंद्रीय सशस्त्रबलों के वीरों आदि के विवरण के साथ अमृत सरोवर या वैसा ही कुछ बनाने की योजना भी है। इस अवसरों पर सभी को अमृत काल के पांच प्रण की शपथ भी दिलाई जाएगी। वसुधा वंधन के तहत हर ग्राम पंचायत अमृत वाटिका विकसित करेंगे जिसमें भारतीय प्रजाति के 75 पौधे लगाएंगे।
हर ब्लाक से निकलेगा मिट्टी कलश
ग्रामीण अंचलों के युवाओं को जोड़कर हर ग्राम पंचायत की मिट्टी एकत्र करेंगे। ब्लाक स्तर से मिट्टी कलश तैयार कर राष्ट्रीय राजधानी ले जाएंगे। दिल्ली में 27 से 30 अगस्त तक फाइनल कार्यक्रम होंगे। इस दौरान मिट्टी कलश एकत्रित कर कर्तव्य पथ पर ले जाएंगे। कर्तव्य पथ पर देश भर से आए मिट्टी कलश की मिट्टी से अमृत वाटिका तैयार होगी और उसमें 75 विशेष भारतीय प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे।