नहीं थम रहा आवारा कुत्तों का आतंक, 26 दिनों में 2000 लोगों को बनाया शिकार
गाजियाबाद
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक तेजी से बढ़ रहा है। बच्चे, युवा ही नहीं बुजुर्ग भी परेशान है। आवारा कुत्तों ने लोगों का चैन इस कदर छीन लिया है कि सुबह को टहलने नहीं निकल रहे हैं । लोग टहलने और बाजार जाते समय हाथ में डंडा लेकर चलने लगे हैं।पार्क में जाने से पहले भी हाथ में छड़ी लेकर बुजुर्ग जा रहे हैं।
अधिकांश स्वजन बच्चों को पार्क में खेलने भी नहीं जाने दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में पता चला है कि अकेले अक्टूबर माह में अब तक 2000 से अधिक लोगों को कुत्तों ने काटा है। इसके अलावा डेढ़ हजार लोगों ने दूसरी व तीसरी डोज लगवाई है।
जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डा.मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया की कुत्ता काटने की रिपोर्ट प्रतिदिन शासन स्तर से तलब की जा रही है। पता चला है कि रेबीज की रोकथाम को लेकर शासन स्तर से विशेष योजना तैयार की जा रही है ।साथ ही नगर निगम, नगर पालिका और ग्राम पंचायत स्तर पर आवारा कुत्तों को पकड़ने अथवा उनके बंध्याकरण को लेकर जल्द ही कोई खास निर्णय हो सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने भी इस संबंध में नगर निगम के अलावा डीएम को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन वरीयता पर किया जाना चाहिए ताकि प्रतिदिन लगाई जाने वाली एंटी रेबीज वैक्सीन की खपत कम हो सके।
संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल एवं जिला एमएमजी अस्पताल में विशेष एंटी रेबीज क्लीनिक खोले गए हैं ।इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोनी ,डासना, मोदीनगर और मुरादनगर में भी एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई जा रही है।