टिपनी
यूपी की राजधानी लखनऊ में एक कार ने स्कूटी को टक्कर मार दी। हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि टक्कर के बाद दंपती और उनका बेटा 100 मीटर तक कार में ही फंसे रहे। शराब के नशे में धुत प्रॉपर्टी डीलर ने कार को भगा दिया। यह दर्दनाक हादसा गुलचेन मंदिर विकासनगर मोड़ के पास हुआ है.
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लखनऊ के गुलाचेन मंदिर विकासनगर मोड़ के पास मंगलवार देर रात एक प्रापर्टी डीलर ने शराब पीकर अपनी एसयूवी चला ली। उसने स्कूटर को टक्कर मार दी और करीब 100 मीटर तक घसीटता चला गया। आखिरकार एसयूवी डिवाइडर से टकराकर रुक गई। फिर वह वहां से भाग निकला।
हादसे में दंपती और उनके दो बेटों की मौत हो गई। हादसा देख राहगीरों की रूह कांप उठी। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। पुलिस ने प्रापर्टी डीलर राजेंद्र पाल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है.
मूल रूप से सीतापुर के लहरपुर तंबौर (ग्राम हैथा) निवासी राम सिंह (35) अपनी पत्नी ज्ञानवती (32) व पुत्र राज (13) व अंश (8) के साथ विकासनगर सेक्टर तीन में किराये के मकान में रहता था. मंगलवार को वह परिवार सहित बड़े मंगल पर मेला देखने अलीगंज गया था। रात करीब दो बजे वे स्कूटी से लौट रहे थे। जैसे ही वह विकासनगर मोड़ से लेखराज की ओर मुड़े, टेढ़े पुल से आ रही तेज रफ्तार अनियंत्रित एसयूवी ने स्कूटर में टक्कर मार दी।
स्कूटी समेत पूरा परिवार एसयूवी में फंस गया। इसके बाद भी चालक ने एसयूवी नहीं रोकी। ऐसे में सभी करीब सौ मीटर तक घसीटते रहे। स्कूटी फंसने के कारण गाड़ी ही रुक गई और चालक वहां से भाग गया। पुलिस ने सभी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
150वीं स्पीड से सड़क खून से लाल हो गई
हादसे की वजह नशा और तेज रफ्तार थी। प्रॉपर्टी डीलर राजेंद्र पाल बेतहाशा शराब के नशे में था। एसयूवी तेज रफ्तार में थी। फुटेज से इसकी पुष्टि हुई है। पुलिस के मुताबिक हादसे के वक्त एसयूवी की रफ्तार करीब 150 किमी प्रति घंटा रही होगी। स्कूटी चल रही थी तो चिंगारियां निकल रही थीं।
एक-एक करके राम सिंह, फिर ज्ञानवती और उसका छोटा बेटा बिखर कर इधर-उधर गिर पड़े। राज अंत तक डटे रहे। एसयूवी रुकी तो उसके नीचे एक स्कूटर था और राज के सर से खून निकल रहा था। जहां टक्कर हुई और जहां एसयूवी रुकी, वहां से खून फैल गया।
हादसा देख राहगीरों की रूह कांप उठी। उन्होंने पुलिस और एंबुलेंस को सूचना देकर मदद के प्रयास शुरू कर दिए। चूंकि चारों का शरीर खून से सना हुआ था। कोई टंटा बखेड़ा नहीं था। पूरे शरीर पर घाव थे। इसलिए किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उसे उठाकर अस्पताल भिजवाए।
जब पुलिसकर्मी पहुंचे तो उन्होंने किसी तरह चारों को एंबुलेंस में बिठाया और अस्पताल ले गए। सबसे ज्यादा लाचारी तब देखने को मिली जब राज एसयूवी के नीचे दब गए और उन्हें निकालना मुश्किल हो रहा था। लोग उसे उठाने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि वह अपनी आंखों के सामने अपनी जान गंवा रहा था, लेकिन कुछ नहीं कर पा रहा था।
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