घर बैठे होगा किसानों की समस्या का समाधान, जल्द जारी होगा हेल्पलाइन नंबर
गाजियाबाद:
किसानों की समस्याओं का समाधान ग्रामीण स्तर पर नहीं हो पाता, जिसके कारण उन्हें कृषि अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से भी वंचित हो रहे हैं, इन्हीं समस्याओं को लेकर अभिषेक सिंह ने उप कृषि निदेशक प्रसार राम जतन मिश्र से विस्तृत बातचीत की, प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश…
जिले में कितने किसान पंजीकृत हैं, कितने किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है?
जिले में 64 हजार किसान पंजीकृत हैं, जिनमें से करीब 49 हजार पात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का योजना का लाभ दिया जा रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की 14वीं किस्त जारी की है, जिसका फायदा किसानों को हुआ है.
जो किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने से वंचित हैं, उनको लाभ कैसे दिलाया जाएगा?
जिले में लगभग पांच हजार पात्र किसान अभी पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने से वंचित हैं। उनको योजना का लाभ दिलाने के लिए ग्राम स्तर से लेकर ब्लाक स्तर पर शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कृषि विभाग के साथ ही डाक विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे।
अमूमन देखा जाता है कि किसान कई योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें योजनाओं की जानकारी ही नही होती है, ऐसा क्यों है?
किसानों को योजनाओं की जानकारी दी जाए, इसके लिए शिविर लगाए जाते हैं। हमारा प्रयास न्याय पंचायत स्तर पर आयोजित सेमिनार को और अधिक प्रभावी बनाना है। उसमें अधिक से अधिक किसानों को बुलाया जाएगा, ताकि वे योजनाओं के बारे में जान सकें।
जिले में बाढ़ के कारण कितने किसानों की फसल प्रभावित हुई है, किसानों को राहत कैसे दी जाएगी?
जिले में बाढ़ से 19 ग्राम पंचायतों की 115 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। लोनी, राजापुर, मुरादनगर ब्लॉक के 300 से ज्यादा किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। इनमें मुख्य रूप से गन्ना, धान और ज्वार की फसलें शामिल हैं। इसके लिए कृषि विभाग और राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे कर रिपोर्ट सरकार को भेजी जायेगी, ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके.
किसानों की समस्याओं का आसानी से समाधान हो, इसके लिए आप क्या कर रहे हैं?
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा. इसकी तैयारी अंतिम चरण में है. किसानों को कृषि अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, वे घर बैठे फोन करेंगे और उनकी शिकायत दर्ज कर एक निश्चित समय के भीतर समाधान कर दिया जाएगा।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि विभाग की क्या योजना है?
किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि विभाग मुख्य रूप से कम उत्पादकता वाली ग्राम पंचायतों पर फोकस करेगा। इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है कि किन ग्राम पंचायतों में फसल उत्पादकता कम है और इसका कारण क्या है।
कुछ स्थानों पर मिट्टी में कार्बन की मात्रा कम होने का कारण बताया गया है, जिसे दूर किया जाएगा। इसके अलावा इंटरक्रॉपिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें किसान एक फसल के साथ दूसरी फसल भी बो सकेंगे। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी.
जिले में कितने एफपीओ हैं और इसे कैसे बढ़ावा दिया जाएगा?
वर्तमान में जिले में 11 कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) पंजीकृत हैं। 300 किसान मिलकर एक FPO बनाते हैं, जो एक कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड होती है. हमारा प्रयास है कि जिले में प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक एफपीओ हो। इससे किसानों को उत्पाद बेचने में भी मदद मिलेगी. केंद्र सरकार द्वारा एफपीओ के लिए भी योजनाएं संचालित की जाती हैं, जिससे किसानों को योजनाओं का लाभ मिलता है.