राम सुग्रीव मित्रता, सुग्रीव- बाली वध, की लीला का मंचन हुआ।
राम सुग्रीव मित्रता, सुग्रीव- बाली वध, की लीला का मंचन हुआ।
श्रीराम सुग्रीव की मित्रता और बाली वध का मंचन बड़ी संख्या में देखने पहुंचे
बृजघाट। श्री भागीरथी रामलीला के मुख्य अतिथियों में पवन जैन रुचिर जेन, धन्वन्त जैन पवन जेन ज्वैलर्स
नें फीता काटकर शुभारंभ किया । रामलीला कमेटी ने सभी अतिथिगणों को माल्यार्पण कर, पका पहनकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। गढ़मुक्तेश्वर तहसील के समस्त पत्रकारों का रामलीला कमेटी के अतिथिगणों द्वारा माल्यार्पण कर व पटका पहनकर सम्मानित किया गया।
श्री भागीरथी रामलीला कमेटी के कलाकारों द्वारा राम सुग्रीव मित्रता और बाली वध प्रसंग की आकर्षक लीला का मैदानी मंचन किया। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक और आसपास के क्षेत्रों के व्यापारी वर्ग के लोग भी लीला देखने के लिए पहुंचे।
कथा प्रसंग को विस्तार देते हुए कहा कि प्रभु श्री राम लक्ष्मण जी और माता सीता वन गमन के दौरान ऋषिमुख पर्वत के समीप पहुंचे सुग्रीव को आशंका हुई यह कहीं बालि के द्वारा भेजे गए दूत ना हो। हनुमान जी ब्राह्मणों का भेष बनाकर राजकुमारों के पास पहुंचे और उन्हें देखकर हनुमान जी ने कहा की आप बीहड़ जंगलों में नंगे पांव चल रहे हैं, साधारण व्यक्ति नहीं हो सकते। जरूर आप ईश्वर का अवतार हैं।
प्रभु श्रीराम ने हनुमंत लाल से कहा कि हम महाराजा दशरथ अयोध्या के पुत्र हैं और पिता की आज्ञा मानकर वन में आए हैं। हनुमान जी ने सभी तरह से संतुष्ट होने के बाद वानर राज सुग्रीव से राम जी का परिचय कराया। सुग्रीव ने अपनी सारी व्यथा बताई किस तरह उसका बड़ा भाई बाली उसे परेशान कर रहा है, जिसके कारण छुपकर वे यहां पर हैं। बनाई गई योजना के अनुसार प्रभु श्री राम ने बाली का वध किया सुग्रीव से मित्रता की,
व इस अवसर पर रामलीला कमेटी अध्यक्ष अखिल शर्मा महासचिव घनश्याम शर्मा व कोषाध्यक्ष विकास, यादव मंच प्रभारी कुलदीप गोयल, मनोज गोयल एडवोकेट, राकेश शर्मा, ओमप्रकाश पहलवान, सीएस यादव एडवोकेट, सुभाष सैनी, आदि समस्त राम भक्त मौजूद रहे