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विपक्षी सांसदों के निलंबन पर इंडिया गठबंधन दलों का जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन, गृह मंत्री का मांगा इस्तीफा, विपक्षी सांसदों के निलंबन पर तत्काल रोक लगाने की की मांग

विपक्षी सांसदों के निलंबन पर इंडिया गठबंधन दलों का जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन, गृह मंत्री का मांगा इस्तीफा, विपक्षी सांसदों के निलंबन पर तत्काल रोक लगाने की की मांग

हापुड़

हापुड़। शुक्रवार को इंडिया गठबंधन दलों ने दिल्ली रोड स्थित जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर विपक्ष के 142 सांसदों के निलंबन पर सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें कांग्रेस, समाजवादी, राष्ट्रीय लोक दल, आम आदमी पार्टी सहित दर्जनों विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा किया। शहर कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक गोयल के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस जन जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर एकत्रित हुए और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया। शहर कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक गोयल ने कहा हैं कि देश में लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से विपक्ष के 142 सांसदों को केवल इस बिंदु पर संसद से निलंबित किया गया क्योंकि विपक्ष के निलंबित सांसदों ने संसद में सदन की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार से चर्चा करने की बात कही थी और सदन में हुए घटनाक्रम को लेकर देश के गृहमंत्री से इस्तीफा मांगा था। विपक्ष के नेताओं द्वारा सदन में सरकार से जब सदन की सुरक्षा पर कोई जवाब नहीं मिला। तो लोकतंत्र में इस सवाल पर चर्चा करने पर सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए विपक्ष के 142 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। जो ये दिखाता हैं कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए कोई भी अलोकतांत्रिक कदम उठा सकती हैं। कांग्रेस जनों ने सरकार द्वारा विपक्षी सांसदों के सदन से निलंबन किए जाने पर कड़ा रोष व्यक्त किया हैं और सरकार के इस कृत्य की कड़ी निन्दा करते हुए सांसदों के निलंबन को असंवैधानिक बताया हैं। कांग्रेस जनों ने सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा हैं कि सरकार संसद में विपक्ष के सांसदों के साथ न तो कोई चर्चा करना चाहती हैं और न ही कोई जवाब देना चाहती। कांग्रेस जनों ने सदन की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला हैं और कहा हैं कि भाजपा की सरकार में जब देश के लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली संसद ही सुरक्षित नहीं हैं तो देश भला कैसे सुरक्षित हो सकता हैं? देश की सीमाओं पर तैनात हमारे जवान कैसे सुरक्षित हो सकते हैं? कांग्रेस जनों ने सरकार से सवाल पूछा हैं कि संसद की सुरक्षा चूक मामले में संसद की दर्शक दीर्घा में आरोपित नौजवान युवक और युवती कैसे घुस आए? कैसे और किस आधार पर भाजपा के एक सांसद ने उन आरोपितों को दर्शक दीर्घा में जाने का पास दिया? संसद में आरोपितों को पास देने पर अब तक सरकार द्वारा भाजपा सांसद पर क्या कार्यवाही हुई? कांग्रेस जनों ने कहा हैं कि सरकार को विपक्षी सांसदों के इन सभी सवालों का गंभीरता से जवाब देना चाहिए। न कि विपक्षी सांसदों द्वारा सरकार से सदन की सुरक्षा पर चर्चा की मांग के बदले निलंबन की कार्यवाही करनी चाहिए।

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष बबलू प्रधान गुर्जर ने भी केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ कड़ा रोष व्यक्त किया और कहा* कि केंद्र की भाजपा सरकार विपक्ष के सांसदों की आवाज को कुचलने का काम कर रही हैं। जो कि लोकतंत्र की सरासर हत्या हैं। अब विपक्ष का नेता सरकार से संसद में सदन की सुरक्षा मामले में कोई चर्चा भी नहीं कर सकता। अगर विकास का कोई सांसद सरकार से चर्चा करना भी आलोक तांत्रिक तरीके से सदन से निलंबित कर दिया जाता है।

प्रदर्शन में कांग्रेस से प्रदेश सचिव मिथुन त्यागी, पूर्व प्रदेश सचिव डॉक्टर शोएब, ब्लॉक अध्यक्ष जकरिया मनसबी, सीमा शर्मा, रघुवीर सिंह एडवोकेट, नरेश कुमार भाटी, गौरव गर्ग, जितेंद्र अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल, भरतलाल शर्मा, हरीश गर्ग, विक्की शर्मा, अमित सैनी, तारेश्वर त्यागी, हृदय प्रकाश, शकील अहमद, सावन चौधरी, कुसुमलता, जोगेंद्र तोमर, शमशाद अब्बासी, अब्दुल कलाम, आकाश त्यागी, यशपाल ढिलौर, सुखपाल गौतम, आजाद सैफी, अय्यूब सहित सैकड़ों कांग्रेस जन मौजूद रहे.! साथ ही समाजवादी, राष्ट्रीय लोक दल, आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों से सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे और सरकार के खिलाफ अपना धरना दिया।

इस दौरान समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम संदीप कुमार को सौंपा।

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