थर्मल इंजीनियर्स डे पर हीट के विविध रूपों पर विचार गोष्ठी
थर्मल इंजीनियर्स डे पर हीट के विविध रूपों पर विचार गोष्ठी
राष्ट्रीय थर्मल इंजीनियर्स दिवस पर एटीएमएस कॉलेज अच्छेजा में हीट के विविध रूपों पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मानव के इतिहास के सबसे गर्म दिन को थर्मल इंजिनियर्स डे के रूप में मनाया जाता है। इंजीनियर ने बताया की हीट सर्वत्र व्याप्त है। कोई भी शक्ति अंत में हीट में परिवर्तित होती है। कोयला, बायोमास, गैस धरती के अंदर की ऊर्जा , स्टीम , न्यू क्लियर ऊर्जा , सोलर ऊर्जा आदि हीट के स्रोत हैं। सोहन पाल ने कहा की थर्मल इंजीनियर कड़ी मेहनत करते हैं समर्पण और प्रतिबद्धता दिखाते हैं। सोहन वीर ने अनेक प्रकार की भट्टियों का उल्लेख किया जो ताप के द्वारा बहुत से उत्पाद बनाने में मददगार होती हैं। आसिफ ने बताया कि इंजन पेट्रोल डीजल आदि द्वारा प्रदत गर्मी से चलते हैं। स्वीटी ने कहा कि थर्मल इंजीनियरिंग ए पार्ट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग। फार्मेसी के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार ने थर्मल सेंसर और इंफ्रारेड टेंपरेचर डिवाइस का विशेष उल्लेख किया। कार्यकारी निदेशक डॉ राकेश अग्रवाल ने कहा थर्मल ऊर्जा अनेक उद्योगों का आधार है। मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल उद्योग थर्मल पावर से ही चलते हैं। संस्था के चेयरमैन नरेंद्र अग्रवाल और सचिव रजत अग्रवाल ने इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षकों और छात्रों को शुभकामनाएं प्रदान कीं