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मोदीनगर मतांतरण मामला

मोदीनगर मतांतरण मामला

मोदीनगर

मतांतरण कराने वाले आरोपित पादरी महेंद्र और उसकी पत्नी सीमा पर शिकंजा कसने की पुलिस की पूरी तैयारी है। पुलिस इन्हें जेल भेजने के बाद सख्त से सख्त सजा दिलाने व उनके नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त कराने में जुटी है। दोनों आरोपितों के खिलाफ पुलिस इसी महीने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर देगी। इसको लेकर एसआइटी काम में लगी है।

इलेक्ट्रानिक साक्ष्य, आरोपितों के बयान व बैंक लेनदेन के विवरण को पुलिस चार्जशीट में शामिल करेगी। सूत्रों की मानें तो पांच सौ से अधिक पन्नों की चार्जशीट होगी। शाहजहांपुर के आशीष व कुसुम को भी इसमें गवाह बनाया गया है। चार्जशीट में आरोपित दंपती के साथ फंडिंग करने वाले आरोपितों के नाम भी शामिल होंगे। पुलिस ने अभी महेंद्र की बहन सुनीता व दीपिका का नाम मुकदमें में नहीं बढ़ाया है।

जबकि इनके खाते में भी डालर फंडिंग के साक्ष्य पुलिस को मिले हैं। उधर, अभी फारेंसिक लैब से जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है। आरोपितों ने पकड़े जाने से पहले मोबाइल का सारा डाटा डिलीट कर दिया था। इस डाटा को रिकवर करने के लिए मोबाइल फारेंसिक लैब भेजे गए थे। डीसीपी ग्रामीण की तरफ से इसको लेकर पत्राचार भी किया गया है।

संभावना है कि एक-दो दिन में रिपोर्ट आएगी, जिससे जरूरी साक्ष्य मिलने की पूरी उम्मीद है। इन साक्ष्यों को चार्जशीट में शामिल किया जाएगा। रासुका के लिए शासन से अनुमति का इंतजार मोदीनगर पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई के लिए फाइल तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी है। वहां से जांच के बाद फाइल को शासन स्तर पर भेजा जाएगा। शासन से अनुमति मिलने के बाद ही दोनों आरोपितों पर कार्रवाई होगी।

पुलिस के मुताबिक, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण ही इन पर रासुका की कार्रवाई की जा रही है। जानकारों की मानें तो रासुका के बाद आरोपितों को कोर्ट से जमानत मिलना बेहद मुश्किल होगा। क्षेत्र में डेरा डाले हैं सुरक्षा एजेंसियां मतांतरण के दो आरोपित पकड़े गए हैं। उनके खातों की छानबीन से मोदीनगर समेत आसपास के क्षेत्र से कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। वे फरार हैं।

उन तक पहुंचने के लिए सुरक्षा एजेंसियां अब भी यहां डेरा डाले हुए हैं। यूपी एटीएस व खुफिया विभाग की टीम यहां गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। रासुका की फाइल तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी गई है। मतांतरण के इस गिरोह को पूरी तरह ध्वस्त करने पर काम चल रहा है। जांच में जिसकी भी भूमिका सामने आएगी, उसे जेल भेजा जाएगा। – विवेक चंद, डीसीपी ग्रामीण जोन, कमिश्नरेट गाजियाबाद।

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