वंदेभारत एक्सप्रेस में पेशाब करना पड़ा भारी, उठाया छह हजार का नुकसान
वंदेभारत एक्सप्रेस में पेशाब करना पड़ा भारी, उठाया छह हजार का नुकसान
भोपाल । मध्यप्रदेश में एक यात्री को वंदे भारत ट्रेन में पेशाब करना भारी पड़ गया है। साथ ही 174 किमी दूर पहुंचकर उसे जुर्माना भी देना पड़ गया। यह अजीबोगरीब मामला भोपाल रेलवे स्टेशन का है जहां एक यात्री को सिंगरौली जाना था। वह हैदराबाद से भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतरा था। वह जिस प्लेटफॉर्म पर खड़ा था, वहां इंदौर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस आकर खड़ी हो गई। यात्री को पेशाब लगी तो वह वंदे भारत एक्सप्रेस की बोगी में घुस गया। इसके बाद टॉयलेट की ओर जाने लगा। टॉयलेट की ओर गया तो कोच का गेट लॉक हो गया।
वह पेशाब करने के बाद बाहर आया तो गेट लॉक था और ट्रेन छूट गई। मिली जानकारी के अनुसार यात्री का नाम अब्दुल कादिर बताया जा रहा है। यह पूरी घटना 15 जुलाई की है। हालांकि मामला अब सामने आया है। 32 वर्षीय कादिर सिंगरौली जिले के बैढन का रहने वाला है। हैदराबाद में उसका ड्राई फ्रूट की दुकान है। वह सिंगरौली जाने के लिए 15 जुलाई को भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतरा था। सुबह 7.24 बजे वह वंदे भारत एक्सप्रेस में दाखिल हुआ था और 7.25 बजे ट्रेन खुल गई थी। टॉयलेट से निकलने के बाद वह बाहर आया तो ट्रेन खुल गई। साथ ही उसका परिवार भी स्टेशन पर छूट गया। गौरतलब है कि भोपाल से खुलने के बाद बीच में यह ट्रेन कहीं रुकती नहीं है।
ऐसे में उसकी परेशानी बढ़ गई और ट्रेन में चल रहे टीटीई के पास गया है। कादिर से दो गलती हुई थी, बिना टिकट ही ट्रेन में चढ़ा था। साथ ही खड़ी ट्रेन में टॉयलेट करना गैरकानूनी है। ट्रेन में उसने टीटीई और पुलिसकर्मियों से मदद मांगी लेकिन सभी ने कह दिया कि ट्रेन का गेट केवल ड्राइवर ही खोल सकता है। इसके बाद उसे ड्राइवर के पास जाने से रोक दिया। टीटीई ने ट्रेन में उस पर फाइन लगा दिया। उसे 1020 रुपए जुर्माना देना पड़ा। इसके बाद भोपाल से 174 किमी दूर उज्जैन में जाकर ट्रेन रुकी तो वह उतरा है।
इसके बाद वहां से लौटने के लिए उसे साढ़े सात सौ रुपए बस भाड़े में खर्च करना पड़ा है। साथ ही सिंगरौली जाने के लिए जो पूरे परिवार का टिकट था। वह भी कैंसिल करना पड़ा है। कुल मिलाकर कादिर को छह हजार रुपए का चूना लग गया है। दरअसल, कादिर, पत्नी और उसके बच्चे का टिकट दक्षिण एक्सप्रेस के सेकंड एसी में था। ट्रेन छूटने की वजह से वो भी नुकसान उठाना पड़ा है।