सोना अपने उच्चतम भाव से करीब 12000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है और इसमें अभी भी गिरावट का दौर जारी है। आने वाले दिनों में यह 42500 तक आ सकता है। पिछले एक हफ्ते में सोने का हाजिर भाव में वैसे तो केवल 183 रुपये की कमी आई है पर इस महीने यानी केवल मार्च में गिरावट की बात करें तो 24 कैरेट सोना 2238 रुपये सस्ता हो चुका है। पिछले 30 साल में सबसे खराब शुरुआत करने वाले गोल्ड की चमक इस साल फीकी पड़ गई है। जनवरी से लेकर अब तक गोल्ड 5870 रुपये तक सस्ता हो चुका है।
विवरण | सोना रुपये प्रति 10 ग्राम |
चांदी रुपये प्रति किलो |
एक हफ्ते में गिरावट/बढ़त | -184 | 713 |
इस महीने में गिरावट | 2238 | 2780 |
इस साल गिरावट | 5870 | 1542 |
ऑल टाइम हाई से गिरावट | 11922 | 10167 |
स्रोत: IBJA
सर्राफा बाजारों में सोने के भाव में लगातार गिरावट आ रही है। अप्रैल से शुरू हो रहे शादियों के सीजन के लिए यह शुभ संकेत हैं। शादी वाले घरों में जिन्हें सोना-चांदी लेना है, उनके लिए यह सुनहरा मौका है। वहीं निवेश के लिहाज से भी यह बेहतर समय है। अगर चांदी की बात करें तो बीते हफ्ते 713 रुपये प्रति किलोग्राम मजबूत हुई है। हालांकि चांदी पिछले साल के अपने उच्चतम रेट से अभी भी 10167 रुपये सस्ती है। अगर इस महीने की बात करें तो चांदी में यह गिरावट 2780 रुपये हो गई है। वहीं साल 2021 में अब तक हाजिर बाजार में चांदी 1542 रुपये टूट चुकी है।
डेट | सोना रुपये/10 ग्राम | चांदी रुपये/किलो |
08 मार्च 2021 | 44332 | 65841 |
01 मार्च 2021 | 45976 | 68621 |
26 फरवरी 2021 | 46570 | 68621 |
31 दिसंबर 2020 | 50123 | 67383 |
7 अगस्त 2020 | 56254 | 76008 |
स्रोत: IBJA
आगे इतना हो सकता है भाव
केडिया कमोडिटिज के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में सोना 42500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है। कम रेट होने की वजह से लोअर लेबल पर खरीदारी बढ़ रही है। अगर इस वजह से सोने के रेट में उछाल आया तो यह 46500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। सोने के रेट में फरवरी महीने सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। सर्राफा बाजारों में सोने के रेट में 3000 रुपये गिरावट देखी गई वहीं, सोना अपने उच्चतम रेट से 12000 रुपये से ज्यादा सस्ता हो चुका है।
गिरावट की वजह
लाइव हिन्दुस्तान के साथ बातचीत में केडिया इस गिरावट की पांच बड़ी वजहें बताते हैं। पहली वजह के बारे में बताते हुए कहते हैं कि इंपोर्ट ड्यूटी में 2.5 प्रतिशत की कटौती का सीधा असर गोल्ड और सिल्वर मार्केट पर पड़ रहा है। दूसर वजह है डॉलर इंडेक्स। यह जब गिर रहा था तो सोने का रेट चढ़ रहा था। अब यह संभालता हुआ दिखाई दे रहा है। डॉलर इंडेक्स अब 91 पर आ गया है। इसका असर सोने के भाव पर पड़ रहा है। तीसरी वजह यूएस में बांड यील्ड का बढ़ना है। यह अब 1.4 फीसद पर पहुंच गया है। जब बांड यील्ड का बढ़ना गोल्ड के लिए नेगेटिव होता है। कोरोना वायरस को लेकर लोगों की चिंताएं अब कम हो रही हैं, इससे भी सोने के रेट में गिरावट है।
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चौथी बड़ी वजह है ईटीएफ में मुनाफवसूली और पांचवीं वजह है, निवेश के लिहाज से सबसे सुरक्षित माने जाने वाले सोने के बजाय लोगों ने पैसा थोड़ा जोखिम वाली जगहों पर लगाया है, जैसे कि बिटक्वान और इक्विटी। बिटक्वाइन और इक्विटी दोनों में इधर निवेशकों का रुझान बढ़ा है। गोल्ड और सिल्वर का रेश्यो कम हुआ है। चीन, सिंगापुर, हांगकांग में सोने की मांग बढ़ी है और भाव गिरने से घरेलू मार्केट में खरीदारी बढ़ेगी। वहीं चांदी 63000 से 71000 के बीच रह सकती है।