fbpx
BreakingGhaziabadHapurNewsUttar Pradesh

गाजियाबाद में रक्षाबंधन पर बहनों को उपहार

गाजियाबाद में रक्षाबंधन पर बहनों को उपहार

गाजियाबाद

30 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार है। त्योहार के चलते बसों में बहुत ज्यादा भीड़ होती है। इससे महिलाओं को अपने घर जाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इसको लेकर रोडवेज के अधिकारी क्या तैयारी कर रहे हैं।

महिलाओं के लिए इस बार यात्रा में किस प्रकार की छूट मिलेगी और सहूलियत रहेगी। किसी भी तरह की परेशानी होने पर वह कहां शिकायत कर सकेंगी। इन सभी बिंदुओं पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केसरी नंदन चौधरी से राहुल कुमार ने विस्तृत बात की। पेश हैं उसके कुछ अंश…।

रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए इस बार भी फ्री यात्रा करने की सुविधा रहेगी या नहीं?

पिछले कई साल से रक्षा बंधन पर हर बार महिलाओं के लिए निश्शुल्क बस सेवा रहती है। इस बार भी 29 अगस्त की रात से 30 अगस्त तक महिलाओं के लिए निश्शुल्क सेवा रहेगी। इसकी तैयारी की जा रही हैं। शासनादेश प्राप्त होते ही एडवाइजरी जारी की जाएगी।

रक्षाबंधन पर महिलाओं को बसों में लटक कर व खड़े होकर भी सफर करना पड़ता है। इस बार क्या खास इंतजाम किए गए हैं, जिससे उन्हें परेशानी न हो।

त्योहार पर भीड़ ज्यादा होने के कारण थोड़ी परेशानी हो जाती है। इस बार कोई परेशानी न हो इसके लिए जो बसें खराब खड़ी हुई हैं, उन्हें भी ठीक कराया जा रहा है। कौशांबी बस डिपो से 162, गाजियाबाद डिपो से 58 व साहिबाबाद डिपो से 180 बसों का संचालन किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर अनुबंधित बसों को भी चलाया जाएगा। बसों के फेरे भी बढ़ाए जाएंगे। जिससे लोगों को परेशानी न हो।

सफर के दौरान महिलाओं को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार महिलाओं से चालक व परिचालक अभद्र व्यवहार भी कर देते हैं। महिलाएं कहां शिकायत करें? 

सभी बसों में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक व सेवा प्रबंधक के नंबर लिखे होते हैं। महिलाएं इन पर काल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। इसके अलावा रक्षा बंधन पर दो दिन के लिए कौशांबी बस डिपो में अलग से नियंत्रण कक्ष भी बनाया जाएगा।

जिले में प्रदूषण बड़ी समस्या है। वाहनों से भी प्रदूषण फैलता है। इसे रोकने के लिए परिवहन निगम क्या कर रहा है और इससे प्रदूषण किस स्तर तक कम हो सकेगा?

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सभी बसों को इलेक्ट्रिक या बीएस-6 में बदलने के लिए कहा था। एनसीआर में आने वाली सभी 988 बसों को बीएस-6 में बदलने का काम कर रहे हैं। अभी तक 62 बस मिल चुकी हैं। सितंबर में 70 और मिलने की उम्मीद है। बसों को बीएस-6 में बदलने से काफी हद तक प्रदूषण कम होगा।

परिवहन निगम के पास बड़ी संख्या में पुरानी बसें हैं। ये बसें नीलाम होंगी या फिर दूसरे जिलों में भेजा जाएगा।

10 साल पुरानी सभी बसों को नीलाम किया जाएगा। जो बसें इससे कम की हैं उन्हें ऐसे जिलों में भेज दिया जाएगा, जहां प्रदूषण की समस्या नहीं हैं। अभी तक 130 बसों की सूची नीलामी या अन्य जिलों में भेजने के लिए तैयार की गई है। धीर-धीरे सभी बसों को बदल दिया जाएगा।

डग्गामार बसों ने कब्जा कर रखा है। लोगों को पहचान नहीं हो पाती कि यह डग्गामार बस है या रोडवेज बस है। इसके लिए क्या कर रहे हैं?

डग्गामार बसों की शिकायत लगातार मिल रही थी। इस पर एआरटीओ के साथ मिलकर डग्गामार बसों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है। बिना अनुमति के जो भी बसें संचालित हो रही हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बसों को जब्त किया जा रहा है।

Show More

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page