fbpx
ATMS College of Education
News

FY2019-20 : आखिरी समय में दिखाएं समझदारी,चुनें टैक्स सेविंग के लिए इन्वेस्टमेंट के ये बेहतरीन विकल्प

टैक्सपेयरों को आखिरी समय में होने वाली परेशानियों से बचने के लिए फाइनेंशियल इयर ( 2019-20) की अंतिम समय सीमा से पहले अपने सारे टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट कर लेने चाहिए, लेकिन सच्चाई यह है कि कई लोग कई कारणों से आखिरी समय में ही अपने टैक्स सेविंग उपाय करते हैं। यदि आप भी उनमें से एक हैं तो आप यहां बताए गए कुछ टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स पर गौर कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले कि हम उनकी लिस्ट तैयार करें, आइए पहले कुछ जरूरी बातों पर चर्चा कर लें, जिन्हें आपको आखिरी समय में टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स का चुनाव करते समय ध्यान में रखना चाहिए। 

टैक्स सेविंग आपके इन्वेस्टमेंट का दूसरा प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए 

टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट ख़ास तौर पर अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुसार ही करना चाहिए। कहने का मतलब है कि आपको अपनी जोखिम उठाने की चाहत, पैसों की जरूरत, इन्वेस्टमेंट के लिए कमिटमेंट पीरियड, रिटर्न की उम्मीद, इत्यादि को ध्यान में रखते हुए टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स का चुनाव करना चाहिए। मार्केट में तरह-तरह के टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स मौजूद हैं जिनका रिटर्न कम और कमिटमेंट पीरियड काफी लम्बा होता है, यानी, इन्वेस्टमेंट शुरू करने के बाद, आपको काफी लम्बे समय तक हर साल इन्वेस्टमेंट करते रहना पड़ता है। ऐसे टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स से दूर रहने में ही भलाई है। आइए अब मार्केट में मौजूद, आखिरी समय में चुने जा सकने वाले कुछ आकर्षक टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। 

1. EPF/VPF

यदि आखिरी समय में टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग करते समय, इन्वेस्टमेंट से जुड़ा जोखिम आपके लिए एक बड़ी चिंता का विषय है तो एम्पलॉयीज’ प्रोविडेंट फंड आपके लिए एक आकर्षक ऑप्शन हो सकता है। EPF एक बहुत सुरक्षित साधन है जिस पर फ़िलहाल 8.6% प्रति वर्ष की दर से इंटरेस्ट मिल रहा है जो कई लोकप्रिय टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले इंटरेस्ट से काफी अधिक है। आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रु. तक के टैक्स डिडक्शन बेनिफिट का भरपूर लाभ उठाने के लिए बचे हुए अमाउंट को इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: अब पिज्जा-बर्गर के लिए भी Loan, अभी खर्च करो और बाद में चुकाओ

EPF के तहत मिनिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट से ज्यादा इन्वेस्टमेंट, वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में इन्वेस्ट करके किया जा सकता है। EPF और VPF दोनों पर एक जैसा रिटर्न बेनिफिट मिलता है। इसके अलावा, EPF/VPF में किया जाने वाला इन्वेस्टमेंट, टैक्सेशन की दृष्टि से EEE केटेगरी के अंतर्गत आता है, कहने का मतलब है कि इसमें इन्वेस्ट किए जाने वाले अमाउंट, इस पर मिलने वाले इंटरेस्ट और मैच्योरिटी के समय मिलने वाले रिटर्न अमाउंट, तीनों पर टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा, आप VPF में अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 100% अमाउंट तक इन्वेस्ट कर सकते हैं। 

यह भी पढ़ें: कोरोना का कहर: दवाओं के दाम 45 फीसदी तक बढ़े, मोबाइल उपकरण-प्लास्टिक उत्पाद भी महंगे

लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि EPF अमाउंट को रिटायरमेंट से पहले सिर्फ किसी खास जरूरत जैसे लम्बे समय से बेरोजगार रहने, अपनी, अपने बच्चों की या भाई/बहन की शादी, अपने या बच्चों के हायर एजुकेशन, घर बनाने, कोई मेडिकल इमरजेंसी, इत्यादि के लिए निकाला जा सकता है यदि आप अन्य नियमों एवं शर्तों को पूरा करते हैं। 

2. ELSS

यदि आप कुछ इन्वेस्टमेंट जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं और आपका इन्वेस्टमेंट होराइजन काफी लम्बा है तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS) में इन्वेस्ट करना एक अच्छा आइडिया हो सकता है। ज्यादा जोखिम उठाने की क्षमता रखने वाले नौजवान टैक्सपेयर्स एक हाई रेटिंग वाली ELSS स्कीम में इन्वेस्ट करने का ऑप्शन चुन सकते हैं। इन्वेस्ट करते समय, अपने सम्पूर्ण जोखिम को कम करने के लिए आप चाहें तो अपने पैसे को दो या तीन तरह के ELSS फंड्स में इन्वेस्ट करके अपने इन्वेस्टमेंट को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: Corona Side Effect: बुखार की दवा से लेकर खाने-पीने के सामान पर कोरोना का असर

आप अगले फाइनेंशियल इयर में भी अपने टैक्स सेविंग और फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चुनिन्दा ELSS फंड्स में एक सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू कर सकते हैं और इसी के साथ रूपया लागत औसत का लाभ भी उठा सकते हैं। लेकिन, एक बात का ध्यान रखें कि लम्बे समय में ELSS इन्वेस्टमेंट से होने वाले 1 लाख रु. से ज्यादा के मुनाफे पर 10% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स लगता है। ELSS इन्वेस्टमेंट में सिर्फ तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है जो अन्य टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की तुलना में सबसे कम है। 

3. NPS

PFRDA increases age of joining NPS by 5 years

यदि आप पहले ही सेक्शन 80C के तहत उपलब्ध इन्वेस्टमेंट लिमिट तक इन्वेस्टमेंट कर चुके हैं तो आप अपने टैक्स डिडक्शन बेनिफिट का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए सेक्शन 80CCD(1b) के तहत नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में अलग से 50,000 रु. इन्वेस्ट कर सकते हैं। लेकिन, याद रखें कि NPS में बहुत लम्बे समय तक इन्वेस्ट करना पड़ता है। इसलिए, NPS में सिर्फ तभी इन्वेस्ट करें यदि आपको इन्वेस्ट किए जाने वाले पैसे की तत्काल जरूरत न हो और यदि यह आपके रिटायरमेंट लक्ष्य के अनुकूल हो। 

4. अपने होम लोन रीपेमेंट्स का इस्तेमाल करें 

यदि आप एक होम लोन का रीपेमेंट कर रहे हैं तो आपको अपने टैक्स के बोझ को कम करने के लिए आखिरी समय में अलग से इन्वेस्टमेंट करने की जरूरत नहीं है क्योंकि एक होम लोन इस मामले में सबसे बड़े टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट्स में से एक है। जहाँ एक तरफ आपके होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के रीपेमेंट पर आपको सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रु. तक का टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिल सकता है वहीं दूसरी तरफ सेक्शन 24B के तहत 2 लाख रु. तक के इंटरेस्ट पेमेंट पर टैक्स छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: मार्च में 16 दिन बंद रह सकते हैं बैंक, एक बार फिर हो सकती है हड़ताल

सबसे बड़ी बात तो यह है कि यदि आपका होम लोन, FY2016-17 में सैंक्शन हुआ है तो आप इंटरेस्ट पेमेंट्स पर सेक्शन 80EE के तहत अलग से 50,000 रु. तक के टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के लिए क्लेम कर सकते हैं यदि आप अन्य योग्यता मानदंडों को पूरा करते हैं। और यदि एक सस्ते घर के लिए आपका लोन, FY19-20 में सैंक्शन हुआ है तो आप इंटरेस्ट पेमेंट पर सेक्शन 80EEA के तहत अलग से 1.5 लाख रु. तक के टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के लिए क्लेम कर सकते हैं यदि आप प्रॉपर्टी के वैल्यू और प्रॉपर्टी के कारपेट एरिया से संबंधित अन्य मानदंडों को पूरा करते हैं। सबसे अच्छी बात तो यह है कि यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2020 के भाषण में यह घोषणा की है कि 80EEA बेनिफिट की अंतिम समय सीमा को और एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है, यानी अब आप 31 मार्च 2021 तक इस बेनिफिट का लाभ उठा सकते हैं। 

buying a term plan is better than getting a home loan insurance

यह भी पढ़ें: उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में भारतीय यूनिवर्सिटी का जलवा, टॉप 100 में 11 भारतीय विश्वविद्यालय

ऊपर बताई गई बातों के अलावा, आपको अपने एम्पलॉयर के द्वारा दिए जाने वाले तरह-तरह के भत्तों का इस्तेमाल करने पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि इससे भी आपका टैक्स बच सकता है। यदि अपने लिए या अपने बच्चों के लिए लिये गए एजुकेशन लोन का इंटरेस्ट देना बाकी है तो आप सेक्शन 80E के तहत डिडक्शन बेनिफिट का लाभ उठाने के लिए उसका पेमेंट कर सकते हैं। एजुकेशन लोन के तहत इंटरेस्ट के पेमेंट के लिए सेक्शन 80E के तहत डिडक्शन के लिए क्लेम करने के लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है। 

यह भी पढ़ें: सोने की कीमतों में भारी गिरावट, वायदा बाजार में 41,300 के पास आया 10 ग्राम Gold का दाम

अंत में, इस बात पर ध्यान देना उचित होगा कि फाइनेंस मिनिस्टर ने हाल ही में FY20-21 से एक नया और ऑप्शनल टैक्स सिस्टम चालू करने का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत टैक्सपेयरों को अधिकांश पारंपरिक टैक्स छूट का त्याग करके डिस्काउंटेड टैक्स स्लैब रेट्स का लाभ उठाने का मौका मिल सकता है। इसका मतलब है कि अगले फाइनेंशियल इयर से, यदि आप अच्छी तरह अपने टैक्स का कैलकुलेशन करने के बाद नए टैक्स सिस्टम का इस्तेमाल करने का फैसला करते हैं तो आप सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम नहीं कर पाएंगे जिसमें ऊपर बताए गए कुछ इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस जैसे EPF/VPF, ELSS, और यहाँ तक कि होम लोन प्रिंसिपल रीपेमेंट्स भी शामिल है, जबकि ऐसा करने से आपको अपनी टैक्स देनदारी को कम करने में मदद मिल सकती है लेकिन सिर्फ इस कारण से अपने जरूरी इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस को बंद न करें कि अब आपको उन पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिल सकता है।

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Rate Today 19th Feb 2020: सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, जानें अपने शहर का रेट

असल में, नए टैक्स सिस्टम और टैक्स में होने वाली बचत के कारण, आपको टैक्स बचाने की चिंता किए बिना और अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर स्वतंत्र रूप से इन्वेस्टमेंट करने और इंश्योरेंस खरीदने में मदद मिलनी चाहिए। क्योंकि जिस तरह पर्याप्त वेल्थ क्रिएट करने के लिए इन्वेस्टमेंट करना बहुत जरूरी है उसी तरह जीवन की अनिश्चितताओं से अपने परिवार के फाइनेंशियल हितों की रक्षा करने के लिए इंश्योरेंस लेना बेहद जरूरी है। 

(इसके लेखक, BankBazaar.comके CEO हैं और यह इनके निजी विचार हैं )

Source link

Menmoms Sajal Telecom JMS Group of Institutions
Show More

5 Comments

  1. Pingback: Shakira
  2. Pingback: https://vhnbio.com

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page