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सैनिक का शव घर पहुंचा तो नम हुई हर आंख

सैनिक का शव घर पहुंचा तो नम हुई हर आंख

महोली:

 तहसील के देवरिया गांव निवासी करुणा शंकर शुक्ल कुमायूं रेजीमेंट में नायक के पद पर तैनात थे। वह इस समय मेरठ के कैंट बटालियन में ड्यूटी कर रहे थे। शनिवार की शाम उनकी तबियत खराब होने पर सैन्य कर्मियों ने उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया। यहां हृदयगति रुकने से उनकी मौत हो गई।

पैतृक गांव देवरिया सूचना पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया। सोमवार की दोपहर कुमायूं रेजीमेंट के 15 सैनिकों का दल उनका शव तिरंगा में लपेटकर देवरिया पहुंचा।

यहां सैन्य परंपरा के अनुसार अंतिम सलामी दी गई। शव के अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों के संख्या में लोग पहुंचे। पूर्व सैनिक बृजेश दीक्षित, विमल कश्यप, गुरप्रसाद शर्मा आदि ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

एक माह पहले हुई थी मेरठ में तैनाती : करुणा शंकर शुक्ल का सेना में चयन 2008 में हुआ था। पहली तैनाती महाराष्ट्र के पुणे में हुई थी। एक माह पहले ही वह मेरठ कैंट में तैनाती मिली थी।

दस वर्षीय पुत्र ने दी मुखाग्नि : कुमायूं रेजीमेंट के सूबेदार रेवती रमण पांडेय ने सैन्य परंपरा अनुसार अंतिम सलामी दी। करुणा शंकर के दस वर्षीय पुत्र डुग्गू ने पिता को मुखाग्नि दी।

श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे अधिकारी व जनप्रतिनिधि

सैनिक का शव जब तिरंगे में देवरिया पहुंचा तो बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। वहीं, तहसील से एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल तक कोई कर्मचारी तक नहीं पहुुंचा। वहीं पुलिस विभाग से भी कोई नजर नहीं आया। राजनैतिक दलों से भी कोई नहीं दिखा। इसको लेकर लोगों में चर्चा होती रही।

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