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भीषण ठंड को लेकर जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

भीषण ठंड को लेकर जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

हापुड़

जनपद हापुड़ के समस्त नागरिको विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं पशुओं को भी सुरक्षित रखने एवं रहने का सलाह दिया जा रहा है l

आपदा विशेषज्ञ गजेंद्र सिंह बघेल ने बताया है कि जनपद हापुड़ में न्यूनतम तापमान बेहद कम होने के कारण वातावरण में गलन बढ़ गई है और ऐसी स्थिति में ठंड लगने की संभावना काफी अधिक हो गयी है इस लिए जितना हो सके घर में रहे, गर्म कपड़े पहने, ठंडे पानी से सीधा स्नान मत करें, ठंडा पानी सीधे सर पर ना गिराए (पहले हाथ पैर धुले और सबसे अंत में सर पर पानी गिराए) बच्चों को बाहर खेलने से बिल्कुल रोक दें, गुनगुना पानी एवं अधिक से अधिक गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें, बासी भोजन बिल्कुल ना करें, किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्तिथि पर तत्काल अस्पताल जाएं और चिकित्सकों की सलाह लें l

सावधान:
इस मौसम में हो सकती हैं ये बीमारियां

हाइपोथर्मिया: इसमें शरीर का तापमान ज्यादा कम हो जाता है। यह स्थिति ठंडके कारण होती है। इसमें व्यक्ति धीमी और जल्दी जल्दी सांस लेता है औरउसका चेतना का स्तर कम होता जाता है। व्यवहार व्यक्ति का आक्रामक होनेलगता है, काम में गड़बड़ी होने लगती है, आवाज भी स्पस्ट नहीं होती है।

तुषार उपघात (frost-bite): शीतलहर में रहने से त्वाचा के उत्तकों की क्षति होने लगती है। इससे शरीर के प्रभावित क्षेत्र में छाले और फफोले होसकते हैं। क्षति गंभीर होने पर अंग को काटने की भी नौबत आ सकती है।

फ्रास्टनिप (frostnip):
शीतलहर में अधिक रहने से त्चचा सुन्न हो जाती है।उसका रंग नीला और सफेद हो जाता है। सामान्यत: चेहरा अथवा अंगुलियों केआगे के हिस्से प्रभावित होते हैं। ऐसे में उस भाग को गर्म करें , ठीकहोने लगेगा। कुछ देर में त्वचा का रंग पहले जैसा हो जाएगा।

आपदा विशेषज्ञ गजेंद्र सिंह बघेल ने बचाव के उपाय बताया की बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें, ऐसे मरीज को गर्म स्थानों पर ले जाएं, उसके शरीर को गर्म कपड़ों में लपेटें, मरीज को हर 15 मिनट बाद गर्म पानी या सूप पीने को दें, मरीज चेतन अवस्था में है तो उसे थोड़ा खाना भी दें, मरीज बेहोश होने लगे और होश में शीघ्र नहीं आता है तो उसे तुरंत हास्पीटल में भर्ती करायें।

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