गाजियाबाद में डेंगू का कहर! दो बच्चों समेत मिले नौ नए केस
गाजियाबाद
इंदिरापुरम, वसुंधरा और लोनी को डेंगू के लिहाज से अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है। पिछले 21 दिनों में सबसे ज्यादा मामले इन्हीं तीन इलाकों में मिले हैं.
सोमवार को 172 लोगों की जांच के बाद दो बच्चों समेत डेंगू के नौ नए मामले सामने आए हैं। इनमें लोनी के तीन मामले शामिल हैं।
जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे बुखार के 32 मरीजों की डेंगू की जांच की गई, जिसमें सात मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पहली बार सरकारी लैब में डेंगू के नौ में से आठ मामले मिले हैं।
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि अगस्त में अब तक डेंगू के कुल 179 मामले मिले हैं। मलेरिया के 13 और स्क्रब टाइफस के भी 13 मामले मिले हैं।
यह लार्वा एसी और फ्रिज की ट्रे में पाया जाता है
डेंगू बुखार फैलाने वाले मच्छर एडीज़ का निवास स्थान ठंडा और वातानुकूलित होता जा रहा है। मच्छर भी गमलों में रहना पसंद करते हैं।स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में पता चला है कि पाश कॉलोनियों में मच्छरों की भरमार है। अब तक 10 पाश कॉलोनियों में सबसे ज्यादा डेंगू मच्छर का लार्वा मिला है।
इनमें अव्वल नंबर पर इंदिरापुरम और वसुंधरा है। इसके अलावा राजनगर एक्सटेंशन, क्रासिंग रिपब्लिक वैशाली, कौशांबी, गोविंदपुरम, कविनगर, नेहरूनगर और राजनगर जैसी कालोनियां शामिल है। 50 हजार से अधिक घरों में किए गए सर्वे में पांच हजार घरों में डेंगू मच्छर का लार्वा पाया गया है।
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि डेंगू लार्वा ट्रेस करने के लिए पहली बार 500 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को सर्वे में लगाया गया है। जिन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिलते हैं वहां पर अधिक टीमों को भेज कर आसपास के घरों में बुखार के मरीजों के साथ डेंगू लार्वा ट्रेस किया जा रहा है।
सर्वे में 2,254 घरों में लगे कूलर और 1,123 एसी में डेंगू का लार्वा पाया गया, जिसे नष्ट करते हुए संबंधित लोगों को नोटिस दिया गया। दूसरे नंबर पर फ्रीज की ट्रे और तीसरे नंबर पर गमले में डेंगू का लार्वा मिल रहा है।