fbpx
ATMS College of Education
BreakingCrime NewsGhaziabadHapurNewsUttar Pradesh

जीडीए में चारों तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार

जीडीए में चारों तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार

गाजियाबाद:

जीडीए में हर तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। एक के बाद एक भ्रष्टाचार के नए मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के बजाय हर बार अथॉरिटी अधिकारी मामले को रफा-दफा करने में लग जाते हैं, जिसका खामियाजा अथॉरिटी में काम करने आए लोगों को भुगतना पड़ता है।

दरअसल, जीडीए में स्टाफ एजेंटों का दबदबा है। इनके जरिये रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है. कर्मचारियों द्वारा रिश्वतखोरी के लिए नियुक्त किए गए प्राइवेट एजेंटों की कुर्सी हिलाना जीडीए अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है।

जीडीए का गठन 1974 में हुआ था
वर्ष 1974 में जीडीए के गठन के बाद से कर्मचारियों और दलालों की मिलीभगत से शुरू हुआ भ्रष्टाचार का खेल आज तक नहीं रुका है। तब से अब तक जीडीए में तीन प्रशासक और 35 उपाध्यक्ष तैनात हो चुके हैं। लेकिन भ्रष्टाचार का खेल नहीं रुका.

जब आवंटी या कोई भी व्यक्ति प्राधिकरण से संबंधित काम कराने के लिए किसी अनुभाग में कर्मचारियों से मिलता है तो वे उसे इतने नियम-कायदे बताते हैं कि उसका सिर चकरा जाता है। जैसे ही वह व्यक्ति अपने कमरे से बाहर निकलता है, जीडीए स्टाफ के रिश्वतखोर एजेंट उसे रोक लेते हैं और डीलिंग शुरू कर देते हैं।

सामान्य काम 5 से 10 हजार का होता है और बड़े काम के लिए लाखों तक की डीलिंग होती है. प्रत्येक अनुभाग में काम करने के लिए कर्मचारियों ने दलाल नियुक्त कर रखे हैं।

दलाल के माध्यम से तुरंत काम हो जाता है
यही कारण है कि आम तौर पर आम आदमी का काम नहीं हो पाता और गलत काम भी दलाल के माध्यम से तुरंत सही हो जाता है। दलाल और प्राधिकरण कर्मचारी आम जनता का जमकर आर्थिक शोषण कर लूट रहे हैं। ऐसे में बार-बार यह सवाल उठ रहा है कि जीडीए में दलालों का नेटवर्क कैसे खत्म होगा।

इन मामलों में की गयी लीपापोती

नीतिखंड-2 में मृत दंपति को मृत दिखाकर फर्जी तरीके से एक प्लॉट का नाम बदलने और बाद में दंपति के जीडीए पहुंचने पर इसे निरस्त कराने का मामला सामने आया है।
इंदिरापुरम योजना में नियम विरुद्ध आठ भूखंड आवंटित करने का मामला।
वीवीआईपी बिल्डर द्वारा निर्मित ईडब्ल्यूएस और एलआईजी फ्लैटों के आवंटन में धोखाधड़ी।
स्वर्णजयंती पुरम प्लॉट आवंटन घोटाला।
इस संबंध में जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस है। किसी भी व्यक्ति को बिना काम के प्राधिकरण में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यदि कोई जीडीए कर्मचारी किसी बाहरी व्यक्ति या एजेंट के साथ संलिप्त पाया गया या भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत मिली तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Menmoms Sajal Telecom JMS Group of Institutions
Show More

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page