चार लाख का बाहुबली भैंसा लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा, वहीं 65 हजार की बकरा-बकरी की हीर-रांझा नाम की जोड़ी
हापुड़। बकरीद पर पशुओं की कुर्बानी के लिए शनिवार को असौड़ा में लगने वाली साप्ताहिक पशु पैंठ में खरीदारों की काफी भीड़ रही। पैंठ में चार लाख का बाहुबली भैंसा लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा, वहीं 65 हजार की बकरा-बकरी की हीर-रांझा नाम की जोड़ी भी चर्चाओं में रही। हाईवे किनारे पशुओं की बिक्री व भीड़ के कारण जाम की स्थिति बनी रही।
ईद उल अजहा (बकरीद) 29 जून को हैं, जिसमें पांच दिन शेष है। लोग कुर्बानी के लिए पशुओं को खरीद रहे हैं। शनिवार को ईद से पूर्व लगने वाली अंतिम साप्ताहिक पशु पैठ में बकरों, भैंसों की जमकर खरीदारी हुई। पैंठ में बाहुबली भैंसा लोगों का आकर्षण का केंद्र बना रहा। पशु व्यापारी इस्लाम का कहना था कि बाहुबली की कीमत चार लाख रुपये की मांग की गई है। देसी घी पिलाकर इसका पालन पोषण किया गया है। वहीं पैंठ में हीर-रांझा बकरा-बकरी की जोड़ी 65 हजार रुपये में बिकी। पंजाबी बकरे के लिए भी काफी खरीदार दिखाए दिए, जिसके बाद वह 40 हजार रुपये में बिका। पशु व्यापारी बकरों, भैंस आदि को पैठ में बेचने के लिए सजाकर लाए थे। ईद नजदीक होने के कारण दामों में तेजी देखी गई। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार पैठ में बकरों के दामों में करीब 15 से 20 फीसदी उछाल देखने को मिला। पंद्रह हजार रुपये से लेकर साठ हजार रुपये तक बकरे बिके। पशु व्यापारियों का कहना है कि बकरे की सेहत के अनुसार ही उसकी बिक्री होती है। जो बकरा जितना मोटा व वजनी होता है, उसकी उतनी ही अधिक कीमत होती है।
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