ज्ञान ज्योति पर्व में आध्यात्मिक प्रवचन, भजनों की गूंज एवं शिवरात्रि विशेष सत्र का आमंत्रण
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ज्ञान ज्योति पर्व में आध्यात्मिक प्रवचन, भजनों की गूंज एवं शिवरात्रि विशेष सत्र का आमंत्रण
हापुड़, : आर्य समाज हापुड़ में ज्ञान ज्योति पर्व के अंतर्गत आज प्रातःकालीन सत्र का आयोजन भक्तिभाव एवं आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ संपन्न हुआ। आज के यज्ञमान श्रद्धेय दंपत्ति श्रीमती एवं श्री पवन आर्य जी, श्रीमती एवं श्री संदीप आर्य जी तथा श्रीमती एवं श्री सुधीर कसाना जी रहे, जिन्होंने अपने परिवार सहित यज्ञ में आहुति प्रदान कर धर्मलाभ प्राप्त किया।
भजन संध्या में प्रसिद्ध गायक श्री विवेक पथिक जी ने अपने ओजस्वी स्वर से भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। “ओम् ओम् बोल मनवा ओम् ओम् बोल”, “अगर स्वामी दयानंद न हमारा खुदा होता”, “ऋषि कौम का रहनुमा बन के आया”, तथा “न कोई साथी, सखा, सहेला, विजय के पथ पर चला अकेला” जैसे भजनों से पूरे परिसर में भक्ति और आर्यत्व का वातावरण बना।
इसके पश्चात स्वामी जी ने अपने प्रवचनों में गहरी आध्यात्मिक चर्चा की। उन्होंने कहा कि भगवान के दर्शन बुद्धि के माध्यम से होते हैं, क्योंकि इस सृष्टि के कण-कण में परमेश्वर की सत्ता समाहित है। जयशंकर प्रसाद के साहित्य का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक-एक पत्ता भी परमात्मा का संकेत देता है, हमें उसके कार्यों को देखना और समझना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि सांसारिक सृजनकर्ता अपनी रचना से अलग हो जाता है, लेकिन दैवीय सृजनकर्ता स्वयं अपनी रचना में समाहित रहता है। दर्शन सदैव गुणों के होते हैं, गुणी के नहीं—यही वास्तविक दर्शनशास्त्र का आधार है। वैदिक ऋचाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा:
“विष्णोः कर्माणि पश्यत यतो व्रतानि पस्पशे। इन्द्रस्य युज्यः सखा॥१६७१॥”
अर्थात्, आप परमात्मा से अपनी मित्रता स्थापित करें, क्योंकि वही आपका वास्तविक एवं शाश्वत सखा है।
कार्यक्रम के दौरान महिला प्रधान श्रीमती वीणा आर्य जी ने कहा कि यह आर्य पर्व न केवल हमारे जीवन में नई ऊर्जा का विकास करता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मकता और आध्यात्मिक चेतना का संचार करता है। कार्यक्रम में सचिन ढाका , वेद प्रकाश सैनी , दिनेश उमेश , सुदर्शन कंसल , सुषमा आर्य , यशवर्धन , सरोज सिसोदिया , शीतल आर्या , प्रमिला आर्या आदि उपस्थित थे
कार्यक्रम के अंत में मंत्री श्री संदीप आर्य जी ने सभी श्रद्धालुओं को आज सायंकालीन सत्र, जो कि ज्ञान ज्योति पर्व का अंतिम सत्र होगा, में सपरिवार भाग लेने का आमंत्रण दिया। इस विशेष सत्र में शिवरात्रि के पावन अवसर पर सच्चे शिव के स्वरूप पर चर्चा होगी एवं एक संध्या ऋषि दयानंद के नाम समर्पित होगी।
सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि सपरिवार पधारकर इस आध्यात्मिक आयोजन का लाभ उठाएं एवं धर्म लाभ प्राप्त करें।