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जीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति बने प्रख्यात चिकित्सक डॉ.. यतीश अग्रवाल

जीएस यूनिवर्सिटी ने डॉ. यतीश अग्रवाल को अपना कुलपति नियुक्त किया

हापुड़ / पिलखुवा (यर्याथ अग्रवाल मुन्ना)।

प्रख्यात चिकित्सक, शिक्षक, शोधकर्ता, लेखक, स्वास्थ्य स्तंभकार और विचारक प्रो. (डॉ.) यतीश अग्रवाल ने आज जीएस यूनिवर्सिटी, हापुड़ के कुलपति का पदभार ग्रहण किया। अपनी प्रखर प्रशासनिक और संगठनात्मक क्षमताओं, अपने उच्च नैतिक मूल्यों, प्रोफेशनलिज्म और अवांट-गार्डे दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले, डॉ. अग्रवाल दिल्ली विश्वविद्यालय से रेडियोडायग्नोसिस में एम.डी. और इलाहाबाद और राजस्थान से डी.एससी. हैं।
प्रो-चांसलर डॉ. अंकित शर्मा, डीन डॉ. प्रदीप गर्ग और रजिस्ट्रार सुमित सिंह ने आज सुबह जीएस यूनिवर्सिटी में डॉ. अग्रवाल का स्वागत किया। मुख्य रूप से चिकित्सा विश्वविद्यालय के रूप में विकसित, जीएस समूह जीएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एमबीबीएस, एमडी और एमएस कार्यक्रम चला जीवन ज्ञान देता है, और साथ ही वह एक आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, एक नर्सिंग कॉलेज और बड़ी संख्या में पैरा मेडिकल स्वास्थ्य विज्ञान पाठ्यक्रम के शैक्षणिक कार्यक्रम चलाता है ।
हाल ही तक डॉ. अग्रवाल दिल्ली के गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड अलाइड हेल्थ साइंसेज के डीन थे। उन्होंने 35 मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों और पैरामेडिकल संस्थानों का और 70 से अधिक अकादमिक पाठ्यक्रमों का संचालन किया। वे वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में रेडियोडायग्नोसिस के प्रोफेसर और प्रमुख भी रहे, जहां उन्होंने 1995 से 2024 के बीच 90 से अधिक पोस्टग्रेजुएट मेडिकल छात्रों का मार्गदर्शन किया।
डॉ. अग्रवाल के विचारोत्तेजक संपादकीय, मौलिक वैज्ञानिक पत्र, चिकित्सा के इतिहास पर निबंध और चिकित्सा की आत्मा पर केन्द्रित कवितायों को व्यापक सराहना मिली है। उन्होंने 60 से अधिक किताबें लिखी हैं, जिनकी 3 मिलियन से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं, सैकड़ों लेख, रेडियो और टेलीविजन धारावाहिक लिखे हैं, मनोरमा ईयर बुक के नियमित योगदानकर्ता रहे हैं ।
वे माहिडोल विश्वविद्यालय, थाईलैंड में विश्व स्वास्थ्य संगठन के फेलो (2005), टोक्यो में फाउंडेशन ऑफ डिटेक्शन ऑफ अर्ली गैस्ट्रिक कार्सिनोमा में फेलो (1998) तथा भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के राष्ट्रीय सलाहकार (2005-06) रह चुके हैं। वह कई राष्ट्रीय और संस्थागत नैतिक समितियों के अध्यक्ष हैं, कई राष्ट्रीय समितियों के सदस्य हैं और कई राष्ट्रीय संस्थाओं के थिंक-टैंक का हिस्सा हैं।
उनके काम को कई राष्ट्रीय संस्थाओं से मान्यता मिली है। उन्हें इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन, दिल्ली का विशिष्ट सेवा पुरस्कार, 2021; हिंदी अकादमी, दिल्ली का विज्ञान-प्रौद्योगिकी पुरस्कार, 2019; विज्ञान भूषण, उत्तर प्रदेश सरकार, 2014; शताब्दी पुरस्कार, विज्ञान परिषद, इलाहाबाद, 2013; इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, 2006; राजीव गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार, गृह मंत्रालय, भारत सरकार; शिक्षा पुरस्कार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, 2003; लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, भारतीय विज्ञान लेखक संघ, 2003; साहित्यकार पुरस्कार, हिंदी अकादमी, 2003; मेघनाद साहा पुरस्कार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, 2002; आत्माराम पुरस्कार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, 1999; राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, 1999 से नवाजा जा चुका है।

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