गंगा के रेतीले मैदान में खेलों से श्रद्घालु कर रहे मनोरंजन -युवकों के साथ बुजुर्ग भी खेलों में हुए शामिल
गंगा के रेतीले मैदान में खेलों से श्रद्घालु कर रहे मनोरंजन
-युवकों के साथ बुजुर्ग भी खेलों में हुए शामिल
-युवतियां व नवविवाहिता गीत गाकर कर रही मनोरंजन
हापुड़।
गढ़मुक्तेश्वर के खादर क्षेत्र में गंगा के रेतीले मैदान में लगे कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले में पहुंचे श्रद्घालु युवक मनोरंजन करने के लिए विभिन्न प्रकार के खेलों का सहारा ले रहे है। जिनमें बुजुर्ग भी काफी संख्या में भाग ले रहे है। युवतियां व नवविवाहिता भी अपने डेरों में लूडों खेलकर व गीत गाकर अपना मनोरंजन कर रही है।
पौराणिक गढ़ गंगा मेले में श्रद्घालुओं का भंैसा बुग्गी,ट्रैक्टर ट्राली व अन्य वाहनों से मेले के पहुंचा दिन रात जारी है। मेले में अब तक 10 लाख से अधिक श्रद्घालु अपना डेरा जमा चुके है। जिससे गंगा मेले में तंबुओं की नगरी अलग ही छठा बिखेर रही है। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गंगा मेले में करीब 30 लाख से अधिक श्रद्घालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसके मद्देनजर मेले में तैयारियों को अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन जायजा लिया जा रहा है।
गंगा मेले में आये श्रद्घालु युवक अपना मनोरंजन करने के लिए विभिन्न प्रकार के खेल जैसे भैंसा दौड़,कुश्ती,पानी में बाली बाल,पतंग बाजी,आदि खेलों को खेलकर अपना मनोरंजन कर रहे है। मनोरंजन करने में बुजुर्ग भी कहा पीछे रहने वाले है। वह भी युवाओं के साथ मनोरंजन करते दिखाई दे रहे है। रेतीले मैदान में बुजुर्ग भी जवानों से कुश्ती लड़ते दिखाई दे रहे है। तो रात्रि में अपने अपने डेरों में देर रात्रि तक ताश खेलते व हुक्का पीकर राजनैतिक विश्लेषण करते नजर आयेंगे।
वही दूसरी और युवतियां व नवविवाहिता का घरों में टीवी देखकर मनोरंजन व समय कट जाता है। लेकिन मेले में इन वस्तुओं के उपलब्ध नहीं होने के कारण वह अपने तंबुओं में युवतियों के साथ लूडों,साँप सीढ़ी व गीत गाकर ढोलक बजाकर अपना मनोरंजन व समय व्यतीत कर रही है। इतना नहीं गढ़ गंगा मेले में युवकों द्वारा पतंगबाजी कर अपना शौक पूरा कर रहे है। और पेंच लड़ाकर अपने हाथ भी आजमा रहे है।