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विक्षिप्त युवती के साथ गैंगरेप का मामला: यह राक्षसी प्रवृत्ति का आपराधिक कृत्य – न्यायाधीश, एक को अंतिम सांस तक व दूसरे को बीस साल तक आजीवन कारावास की सजा

विक्षिप्त युवती के साथ गैंगरेप का मामला: यह राक्षसी प्रवृत्ति का आपराधिक कृत्य – न्यायाधीश, एक को अंतिम सांस तक व दूसरे को बीस साल तक आजीवन कारावास की सजा

हापुड़। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने 19 वर्षीय विक्षप्ति युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म में सजा सुनाते हुए आरोपियों के कृत्यों को देखते हुए सहानुभूति न जताने की बात कही। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने वृद्ध को अंतिम सांस तक कैद और दूसरे बाल अपचारी को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने घटना की जघन्यता को देखतेहुए दोषियों पर एक लाख बीस हजार का अर्थदंड भी लगाया।

विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि हाफिजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने थाने में 2021 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उसने कहा था कि उसकी 19 वर्षीय पुत्री मानसिक रूप से विक्षप्ति है। वह और उसके पति मजदूरी करते है। एक दिन वह और उसके पति मजदूरी करने के लिए गए थे। शाम को वह मजदूरी करके वापस आए तो उन्होंने अपनी मानसिक रुप से विक्षप्ति पुत्री को घर पर नहीं पाया।

आसपास खेल रहे बच्चों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि अकबर व एक किशोर उनकी पुत्री को दस रुपये देकर अपने साथ एक सरसों के खेत में ले गए हैं। जब वह उक्त सरसों के खेत पर पहुंचे तो उन्होंने 70 वर्षीय अकबर निवासी गांव हृदयपुर व एक अन्य किशोर को खेत के दूसरी तरफ से जाते हुए देखा। पुलिस ने 70 वर्षीय बुजुर्ग अकबर व एक नाबालिग के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कर मामले के आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए।

अपर जिला जज उमाकांत जिंदल अभियुक्त अकबर को धारा 376-डी भा.दर्स के अन्तर्गत आजीवन सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपये के अर्थदण्ड से दंड़ित किया जाता है।

विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्ययाधीश पॉक्सो एक्ट उमाकांत जिदल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अभियुक्त अकबर 70 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति है, उसके द्वारा पीडिता जो कि
एक मानसिक रूप से विक्षिप्त मन्दबुद्धि बालिका है। बाल अपचारी के साथ मिलकर सामूहिक बलात्कार किया गया है। अभियुक्त अकबर, जो कि पीडिता के ही गांव का रहने वाला और बुजुर्ग व्यक्ति है। अभियुक्त अकबर द्वारा उम्र और पीड़िता की स्थिति व परिस्थिति को नजरअंदाज करते हुए यह राक्षसी प्रवृत्ति का आपराधिक कृत्य किया गया है। इस अत्यन्त जघन्य प्रकृति के आपराधिक कृत्य को दृष्टिगत रखते हुए फैसला सुनाया गया।

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