जालसाजों के झांसे में फंसकर दारोगा ने गंवाए पांच हजार,
जालसाजों के झांसे में फंसकर दारोगा ने गंवाए पांच हजार,
गाजियाबाद:
व्हाट्सएप पर एक इंस्पेक्टर की डीपी लगाकर साइबर ठगों ने गाजियाबाद के विजयनगर थाने में तैनात सिपाही से पांच हजार रुपये ठग लिए। इंस्पेक्टर के असली नंबर पर कॉल करने पर सिपाही को धोखाधड़ी का पता चला। मामले में उन्होंने विजयनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
विजयनगर थाने में तैनात दारोगा शैलेंद्र कुमार गौड़ का कहना है कि उनके पास एक अनजान नंबर से वाट्सएप पर एक मैसेज आया। इस पर बुलंदशहर पुलिस आफिस में रिट सेल में तैनात इंस्पेक्टर सुशील कुमार गौतम की फोटो लगी थी। मैसेज में 35 हजार रुपये की मदद मांगी गई थी। वह सुशील कुमार गौतम को अच्छी तरह से जानते थे।
शैलेंद्र ने अपने पास चार-पांच हजार रुपये होने की बात कहकर पांच हजार रुपये भेज दिए। इसके बाद दूसरी तरफ से दोस्त के भाई का एक्सीडेंट होने की बात कहकर पांच हजार रुपये और मांगे गए। शैलेंद्र ने उस नंबर पर फोन मिलाया, लेकिन कॉल नहीं लगी।
नोएडा के इंस्पेक्टर से भी कर चुके हैं ठगी
इसके बाद उन्होंने सुशील कुमार गौतम के नंबर पर कॉल की तो ठगी का पता चला। पता चला कि नोएडा के एक इंस्पेक्टर से भी उनके नाम पर 35 हजार रुपये ले लिए गए हैं। एसीपी कोतवाली निमिष पाटिल का कहना है कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है।
कार्ड बदलकर खाते से निकाले 1.90 लाख रुपये
मसूरी थाना क्षेत्र के मयूर विहार कॉलोनी, डासना के एक व्यक्ति का डेबिट कार्ड बदलकर ठगों ने खाते से 1.90 लाख रुपये निकाल लिए। शाहिद ने बताया कि वह डासना बस अड्डे के पास एटीएम से पैसे निकालने गए थे।
एटीएम में पहले से ही तीन युवक मौजूद थे। तीनों एटीएम से छेड़छाड़ कर रहे थे, पूछने पर युवकों ने कहा कि मशीन काम नहीं कर रही है। उन्होंने मशीन से ढाई हजार रुपये निकाले और जब वह वापस आने लगे तो युवकों ने कहा कि आपने मशीन में कैंसिल का बटन नहीं दबाया।
वह मशीन के पास दोबारा गए तो आरोपितों ने बातों में उलझाकर उनका डेबिट कार्ड बदल दिया। बाद में आरोपितों ने खाते से 1.90 लाख रुपये निकाल लिए।
निवेश में मुनाफे का लालच देकर ठगे 13 लाख रुपये
वहीं, मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल में रहने वाले एक युवक से साइबर अपराधियों ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश में मोटे मुनाफा का झांसा देकर 13 लाख रुपये ठग लिए। आरोपितों ने उन्हें मुनाफे की रकम देने के नाम पर बार-बार पैसे ट्रांसफर कराए और बाद में पैसे नहीं दिए।