वैशाख अमावस्या पर लगाई लाखों लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी
गढ़मुक्तेश्वर। वैशाख अमावस्या पर बृहस्पतिवार को लाखों श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर विभिन्न धार्मिक कर्मकांड करेंगे। इस दिन वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
मां भद्रकाली-कामेश्वर शिव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रमाशंकर तिवारी ने बताया कि वैशाख अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। हिंदी कैलेंडर की यह पहली अमावस्या है। इस दिन सत्तू का दान करने का विशेष महत्व है, जिससे काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि अमावस्या तिथि का आगमन 19 अप्रैल की सुबह 11 बजकर 23 मिनट से हो चुका है, जो 20 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि होने के चलते स्नान, दान बृहस्पतिवार को होंगे। इस दिन सुबह पांच बजकर 51 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग आरंभ होगा, जो रात 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इस योग में कोई भी शुभ कार्य करना काफी उत्तम माना जाता है। वैशाख अमावस्या पर सूर्य ग्रहण भी है, लेकिन इसका प्रभाव भारत में नहीं रहेगा। वैशाख अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनिदेव की पूजा का भी विशेष विधान है।
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