विद्युत कर्मियों की हड़ताल के चलते 72 घंटे नहीं हो पायेंगे बिजली विभाग के कार्य
बिजली कर्मियों ने एसई कार्यालय पर किया प्रदर्शन
हापुड़। ऊर्जा निगम से जुड़े कार्य तीन दिन तक प्रभावित रहेंगे। बिजली कर्मचारियों ने 72 घंटे की पूर्ण हड़ताल का एलान कर दिया है, जिसमें अधिकारी भी शामिल हैं। ऐसे में राजस्व से लेकर नए कनेक्शन व अन्य विद्युतीकरण के कार्य नहीं हो सकेंगे। दूसरे दिन भी बिजली कर्मियों ने एसई कार्यालय पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
विद्युत संघर्ष समिति के संयोजक ईश्वर प्रसाद ने बताया कि सरकार बिजली कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है। पूर्व में कई दिन तक कार्य का बहिष्कार रहा था। तब तीन दिसंबर 2022 को हुए समझौते में ऊर्जा मंत्री की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया था। अब 112 दिन बीत गए हैं और समझौते के प्रमुख बिंदुओं के क्रियान्वयन की दिशा में कुछ भी कदम नहीं उठाया जा सका है।
इसके अलावा ओबरा, अनपरा की 800-800 मेबावाट की नई इकाइयों का उत्पादन निगम से छीन कर एनटीपीसी को दे दिए जाने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान किए जाने के मामले शामिल हैं।
बृहस्पतिवार शाम तक भी कर्मियों की शिकायतों का निस्तारण नहीं हुआ। रात 10 बजे से कर्मियों ने 72 घंटे तक हड़ताल का एलान कर दिया है। ऐसे में उपभोक्ताओं के कोई भी जरूरी कार्य नहीं हो सकेंगे। नए कनेक्शन, राजस्व वसूली के कार्य भी प्रभावित रहेंगे। ऊर्जा निगम के अधिकारी भी अब इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं। धरना देने वालों में संजय मौर्या, सुधीर कुमार, राजेश भास्कर, मनीष कुमार, मनोज कुमार, अफरोज खान, यामीन खान, आनंद मौर्या, यशवंत प्रकाश, महेन्द्र कुमार प्रजापति, नीतू कुमार, महेन्द्र सिंह शामिल रहे।
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