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पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर पत्रकारों ने एसडीएम को दिया ज्ञॉपन, पत्रकार सुरक्षा कानून बनानें की मांग


हापुड़(अमित मुन्ना)।
पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमलों के विरोध व पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर पत्रकारों ने सोमवार को राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञॉपन एसडीएम सत्यप्रकाश को सौंपा।
प्रेस क्लब,इलैक्ट्रोनिक मीड़िया व अन्य संगठनों ने एसडीएम को दिए ज्ञॉपन में कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। भारत में मीडिया ने लोकतांत्रिक परम्पराओं और जनतंत्र की रक्षा के लिए सदैव महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लोकतंत्र के रक्षक और समाज के सजग प्रहरी के रूप में पत्रकार अपनी भूमिका का सफलता पूर्वक निर्वहन करता है परन्तु कुछ समय से पत्रकारों के साथ हुई दमनकारी घटनाएं, हत्या, फर्जी मुकदमें और आक्रमण जैसी घटनाओं ने मीडिया की स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है इसका प्रभाव लोकतंत्र की सुरक्षा और जनतांत्रिक परम्पराओं पर भी पड़ रहा है। ऐसी सूरत में लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए स्वतंत्र वातावरण आवश्यक है। यह वातावरण पत्रकारों को समुचित सुरक्षा प्रदान किए बगैर सम्भव नहीं है।
कहा गया कि गत कुछ समय के अंतराल में प्रतापगढ़, उन्नाव, गाजियाबाद और मोदीनगर सहित विभिन्न जनपदों में पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार, हत्या, फर्जी मुकदमे और जघन्य अपराध कारित किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में आए दिन पत्रकारों और उनके परिजनों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में पत्रकार स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। स्थिति यह है कि पत्रकारिता करते हुए पत्रकार भय के वातावरण में जीने पर मजबूर हैं। मीडिया की स्वतंत्रता पर हमले किए जा रहे हैं। इसका कारण यह है पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर हमला यानी सीधे-सीधे सिस्टम पर हमला होता है। किसी भी लोकतांत्रिक देश के चारों स्तम्भ सिस्टम का हिस्सा होते हैं। ऐसे में चौथे स्तम्भ यानी मीडिया से जुड़े लोग भी सिस्टम का ही हिस्सा होते हैं। जिस तरह पहले तीन स्तम्भ की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाता है वैसे ही चौथे स्तम्भ यानी मीडिया की सुरक्षा को इतना मजबूत नहीं बनाया गया है। एक पत्रकार का काम बहुत जोखिम भरा होता है। तमाम तरह के सिस्टम की समस्याओं से लेकर बड़े-बड़े अपराधियों के खिलाफ भी पत्रकार तंज लहजे में बात करता है। जिन अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस की टीम लगाई जाती है उसी अपराधी के खिलाफ एक पत्रकार बिना किसी सुरक्षा की गारंटी के खबर सामने लाकर रखता है।
इस मौकैं पर आरिफ अंसारी,शक्ति सिशौदिया, मौ. शाहिद,संजय कश्यप,सुनील गिरी,सुधाकर ,रविन्द्र,अमित गुर्जर आदि शामिल थे।

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