2 माह से चल रहे न्यायिक अधिकारी के बहिष्कार का निर्णय न्यायिक अधिकारियों व वकीलों की वार्ता के बाद हुआ खत्म
हापुड़। बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने न्यायिक अधिकारी का बहिष्कार वार्ता के बाद समाप्त कर दिया गया है। शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने सीजेएम न्यायालय में कार्य किया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ऐनुल हक व सचिव नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि 17 नवंबर को अधिवक्ताओं की एक बैठक हुई। जिसमें एक न्यायिक अधिकारी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। न्यायिक अधिकारी के बहिष्कार का प्रस्ताव जिला जज को भी भेज दिया गया। उसके पश्चात् 25 नवम्बर को एसोसिएशन ने जिला जज को बहिष्कार से संबंधित एक पत्र भेजा। जिसका संज्ञान लेते हुए मामले के निस्तारण के लिए जिला न्यायाधीश ने एक समिति गठित की।
जिसमें न्याय विभाग की तरफ से अपर जिला जज कमलेश कुमार, अपर जिला जज एससीएसटी कोर्ट उमाकांत, एसीजेएम प्रीति मोगा व सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वितीय विकास कुमार तथा अधिवक्ताओं के पक्ष से एसोसिएशन के अध्यक्ष ऐनुल हक व सचिव नरेन्द्र शर्मा को शामिल किया गया। मामले के निस्तारण के लिए दोनों पक्षों के बीच कई बार वार्ता हुई। चार जनवरी को समिति के अलावा अधिवक्ता सुनील अग्रवाल, मुकुल त्यागी, सुरेश वशिष्ठ, अजीत चौधरी, रविंद्र निमेष, खालिद खान व विजेन्द्र चौहान वार्ता में शामिल हुए। जिसमें मामले का निस्तारण हो गया और एसोसिएशन ने न्यायिक अधिकारी का बहिष्कार वापस ले लिया।
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