प्रसव के दौरान 10 महिलाओं की मौत

प्रसव के दौरान 10 महिलाओं की मौत

गाजियाबाद

अप्रैल से 20 अगस्त तक सरकारी व निजी अस्पतालों में प्रसव के दौरान 10 महिलाओं की मौत हो चुकी है. मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी की समीक्षा के बाद सीएमओ डाॅ. भवतोष शंखधर ने 53 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी डॉक्टरों और सीएचसी लोनी, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर और पीएचसी भोजपुर के प्रभारियों को नोटिस जारी कर गर्भवती महिलाओं का पता लगाते हुए नियमित जांच कराने की चेतावनी दी है।

अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी
ऐसा नहीं करने पर प्रभारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. प्रसव के दौरान होने वाली प्रत्येक मृत्यु का ऑडिट होना चाहिए। यह पता लगाया जाना चाहिए कि महिला की मौत का मुख्य कारण क्या था। परिजनों का लिखित बयान लिया जाए। यदि अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर, एम्बुलेंस चालक या स्वास्थ्यकर्मी की लापरवाही पाई जाती है तो उसका नाम सहित ऑडिट में उल्लेख किया जाना चाहिए।

कई लोगों की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई
प्रसव के दौरान राजापुर में चार, शहरी क्षेत्र में तीन, भोजपुर में एक, मुरादनगर में एक और लोनी में एक महिला की मौत हो गई। इनमें मुरादनगर के दो निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की लापरवाही से परवीन की मौत के मामले में जांच कमेटी गठित की गई है। साथ ही विजयनगर में रेखा की मौत की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. तीन निजी अस्पतालों के ऑपरेशन थिएटर और लेबर रूम को सील कर दिया गया है।

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