fbpx
ATMS College of Education Menmoms Global Inc
Astrology

होली के आगमन का प्रतीक है यह त्योहार, इस दिन का हर पल है शुभ 

फाल्गुन सबसे शुभ माह माना जाता है और फुलेरा दूज को फाल्गुन का सबसे अच्छा दिन माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने जिस दिन फूलों की होली खेली, वह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी। इसीलिए इस तिथि को फुलेरा दूज कहा गया। यह त्योहार श्रीराधा-कृष्ण को समर्पित है। इस दिन लोग फूलों के साथ होली खेलते हैं। श्रीराधे-कृष्ण को अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है। इस दिन से होली के त्योहार का आरंभ होता है। यह शुभ दिन पूर्ण रूप से दोषमुक्त है। फुलेरा दूज के दिन हर पल शुभ माना जाता है। 

फूलेरा दूज को फूलों का त्योहार भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रीराधा-कृष्ण से जो भी मन्नत मांगी जाए वह पूर्ण होती है। अगर कोई नया व्यापार शुरू करना चाहता है तो इससे बेहतर दिन नहीं मिल सकता। इस दिन को विवाह के लिए वर्ष का सर्वोत्तम दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विवाह करने से दंपति को श्रीराधा-कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस त्योहार को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। फुलेरा दूज को मांगलिक कार्यों के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है। इस दिन शृंगार की वस्तुओं का दान करें। समृद्धि, खुशियों से भरा जीवन प्राप्त करने के लिए श्रीराधे-कृष्ण की उपासना करें। इस दिन श्रीराधा-कृष्ण का फूलों से शृंगार कर पूजन किया जाता है। ब्रज क्षेत्र में इस विशेष दिन भव्य उत्सव होते हैं। इस दिन भक्त अपने घर और मंदिरों में भगवान की मूर्तियों को सुशोभित करते हैं। यह त्योहार जीवन में उत्साह और खुशियां लेकर आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फुलेरा दूज के दिन हर एक क्षण शुभ होता है। घर-संपत्ति से जुड़ा कार्य करने के लिए भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। यह दिन होली के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन से होली की तैयारियां आरंभ हो जाती हैं। होली से पहले आने वाली इस दूज से फाल्गुन का रंग चढ़ने लगता है। 

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

Source link

JMS World School Radhey Krishna Caters
Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page