fbpx
ATMS College of Education
News

हापुड मे मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस नीति बन रही है मजाक, भूमि घोटाले समेत धौलाना तहसील मे हो रहा है भ्रष्टाचार

हापुड मे मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस नीति बन रही है मजाक, भूमि घोटाले समेत धौलाना तहसील मे हो रहा है भ्रष्टाचार

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता ने खोली धौलाना तहसील मे भ्रष्टाचार की पोल,आरोप सिद्ध होने के बाद भी नही हो रही भ्रष्ट अधिकारियो पर कार्रवाई

मुख्यमंत्री से क्षेत्रीय विधायक समेत सांसदो ने कर रखी है पूर्व मे शिकायत, भ्रष्टाचार एंव भूमि घोटाले की जांच शासन मे दबाये बैठे है अधिकारी

भ्रष्टाचार कर करोडो रूप की कमाई करने वाले अधिकारियो पर कब होगी कार्रवाई, जनता कर रही है सरकार का इंतजार

हापुड़। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार रोकने एंव भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियो के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति बनाकर लगाम लगाने मे जुटे हुए है लेकिन जीरो टॉलरेंस नीति हापुड मे मजाक बना हुआ है। जिसके कारण धौलाना तहसील मे हुए भूमि घोटाले एंव भ्रष्टाचार करने की वाले अधिकरियो के खिलाफ क्षेत्रीय विधायक समेत सांसदो ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अवगत कराकर कार्रवाई की मांग की गई थी। जिसपर मुख्यमंत्री ने भूमि घोटाले समेत भ्रष्टाचार करने वाले अधिकरियो के खिलाफ एसआईटी गठित समेत प्रमुख सचिव को जांच सौंपी थी। जिसपर आयुक्त मेरठ के नेतृत्व मे टीम ने भूमि घोटाले एंव भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियो के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेज दी गई लेकिन शासन मे बैठे अधिकारी ने जांच रिपोर्ट दबा रखी है। जिसके कारण भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियो के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे है।

जानकारी के मुताबिक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता आदित्य कुमार उर्फ अतुल गहलौत के साथ दीपक राणा फगौता व प्रवीन तोमर खेडा ने बताया कि पूर्व सासंद रमेश चंद तोमर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर भू-माफियाओ के खिलाफ एसआईटी गठित कराकर कार्रवाई की मांग थी। जिसपर जिसमे अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिसमे भ्रष्ट अधिकरियो ने भू-माफियाओ से मिलकर सरकारी जमीन मे भ्रष्टाचार किया था। जिसकी जांच शासन मे जांच रिकॉर्ड रूम में धूल फांक रही है। राज्यसभा सासंद अनिल अग्रवाल ने भी जिला प्रशासन के संरक्षण के चलते गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत नामदर्ज अभियुक्त द्वारा रिकार्डो में हेरा फेरी की जा रही है। फर्जी पत्रावली रिकॉर्ड रूम में दाखिल कर दी जाती है और प्रशासन व भ्रष्टाचारियो की मिलीभगत के चलते 30 से 35 वर्ष पुराने फर्जी पट्टे बनाकर उन्हें भूअभिलेखों में दर्ज करा दिया जाता है| भू अभिलेखों में दर्ज करने से पूर्व तहसीलदार धौलाना व एसडीएम धौलाना द्वारा पट्टो की सत्यता की कोई जांच नहीं की जाती न ही उत्तर प्रदेश राजस्व मेनुअल 39 के अनुसार फर्जी आदेशो की जांच की जाती है । जिस कारण सरकार की करोडो की जमीन भूमाफिया व अधिकारी वर्ग की मिलीभगत से बेच कर धन कमाया जाता है। क्षेत्रीय विधायक धर्मेश सिंह तोमर ने कस्बा धौलाना समेत देहरा की सरकारी करोडो रूप की भूमि पर अवैध कब्जा करने एंव भ्रष्टाचार करने वाले पूर्व उपजिलाधिकारी व पूर्व तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जिसकी जांच मे जांच टीम को देहरा के खसरा नंबर 238 मि० व 254 के संबंध के गई शिकायत पर उक्त नंबरों में भूमाफियाओं का कब्ज़ा पाया गया था जिससे प्रशासन द्वारा हटाया गया है परन्तु सरकारी जमीन बेच कर धन अर्जन करने वाले दोषी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई। जिसपर अब ग्रामीण भी चर्चा कर रहे है कि धौलाना तहसील मे भ्रष्टाचार बढता ही जा रही है और भ्रष्ट अधिकारियो पर कोई कार्रवाई नही की जा रही है। जिसके कारण भूमि घोटाला करने वाले भू-माफिया व भ्रष्ट अधिकरियो के हौसले बुलंद होते हुए नजर आ रहे है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि जिला प्रशासन द्वारा रिकॉर्ड रूम में रखी पत्रावलियों के साथ की जा रही हेरा फेरी को रोकने हेतु कोई ठोस उपाय नहीं किया जाता है। जिस कारण बीते वर्षों में पत्रावली गायब कर पत्रावली न होने का हवाला देते हुए भूमाफियाओं को लाभ दिया जा रहा है | मनमाने ढंग से रिकॉर्ड रूम में रखी पत्रावली का मुआयना समय पर नहीं कराया जाता है व न ही नकल उपलब्ध कराई जाती है | जिसके चलते बादकारियों और अधिवक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है | इसके विपरीत भूमाफियाओं व भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देते हुए रिकॉर्ड रूम में जाने व हेरा फेरी करने की छूट दी जा रही है। जिस कारण उक्त जालसाज रिकॉर्ड रूम में कूटरचित पत्रावली दाखिल भी करा देते है जिसका उपयोग सरकारी भूमियों की बंदरबाट कर धन अर्जन किये जाने में होता है।

Menmoms Sajal Telecom JMS Group of Institutions
Show More

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page