हाईवे पर खड़े वाहनों की वजह से हो रहे हादसे
हापुड़। जिले मे ंसाल दर साल सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कहीं तेज रफ्तार हादसे का कारण बनती हैं तो कभी सड़क के किनारे खड़े वाहनों से हादसे होते हैं। हाईवे से लेकर अन्य सड़कों पर ढाबों, पेट्रोल पंप व अन्य स्थानों पर चालक ट्रक को सड़क के किनारे खड़ा कर देते हैं। दिन हो या रात अक्सर, इन वाहनों से टकराने के बाद दूसरे वाहन व उनमें सवार लोग हादसे के शिकार हो जाते हैं, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं देते हैं और कागजी कार्यवाही कर खानापूर्ति कर देते हैं। संवाददाता केशव त्यागी की हाईवे से लेकर विभिन्न सड़कों की जांच की गई।
पुलिस पिकेट का भी है वाहन चालकों में खौफ
हापुड़ के ततारपुर बाईपास पर पुलिस पिकेट बनी है। हाईवे की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। बावजूद इसके हाईवे पर वाहन सड़क किनारे खड़े रहते हैं। प्रतिदिन वहां होने वाली दुर्घटनाओं में लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
हाईवे किनारे पार्किंग की तरह खड़े होते हैं वाहन
गढ़मुक्तेश्वर के गांव सरूरपुर के निकट एनएच-09 पर आए दिन लाइन लगाकर वाहन सड़क किनारे खड़े होते हैं। इसके कारण यहां हाईवे किनारे खुली दुकानें व ढाबे हैं। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन वह मौन बने हुए हैं। यहां से अक्सर वाहन चालक रांग साइड से होकर गुजरते हैं। जिसके चलते दुर्घटनाएं होती हैं।
टोल प्लाजा के पास रहता है वाहनों का जमावड़ा
पिलखुवा के छिजारसी टोल प्लाजा के निकट आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। रविवार को भी यहां वाहनों का जमावड़ा था। दिलचस्प बात यह है कि चौंकी के नजदी होने के बाद भी वाहन चालकों में पुलिस का कतई खौफ नहीं है या यूं कहिये कि सब खाकी की कृपा से हो रहा है।
जिम्मेदार बने लापरवाह
हाईवे पर दुर्घटना संभावित स्थानों पर अनियमितताओं के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। नेशनल हाईवे पर दस ब्लैक स्पाट और 30 असुरक्षित मोड़ हैं। ब्लैक स्पाट एवं अन्य स्थानों पर सुरक्षा संबंधी अनियमितता को दूर कराने के लिए पुलिस प्रशासन से लेकर एनएचएआई के अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
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