अगर आप बिजली सेवाएं देने वाली मौजूदा कंपनी से खुश नहीं हैं, तो बहुत जल्द आपके पास ये अधिकार होगा कि आप पुरानी कंपनी को छोड़कर दूसरी मनचाही बिजली कंपनी को पावर सप्लाई के लिए चुन सकेंगे. ये ठीक वैसे ही काम करेगा जैसे कि आप किसी टेलीकॉम कंपनी की सेवाओं से नाखुश हैं तो दूसरी टेलीकॉम कंपनी पर पोर्ट कर जाते हैं.
मौजूदा सत्र में सरकार पेश कर सकती है बिल
सरकार संसद के मौजूदा सत्र में Electricity Amendment Bill 2021 को पेश कर सकती है. जनवरी में Electricity Amendment Bill 2021 का एक प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए जारी किया गया था. एक सूत्र के मुताबिक ड्राफ्ट लॉ संसद के मौजूदा सत्र में सरकार पेश कर सकती है.
अगर ऐसा हुआ तो ये पावर डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में एक बड़ा रिफॉर्म होगा, जो उपभोक्ताओं को एक बड़ी ताकत देगा.
नई निजी कंपनियों के लिए खुलेगा रास्ता
इस बिल के आने के बाद निजी कंपनियों के लिए बिजली वितरण के क्षेत्र में आने का रास्ता खुल जाएगा, क्योंकि लाइसेंस लेने की जरूरत खत्म हो जाएगी, इससे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी. इसका सीधा फायदा बिजली उपभोक्ताओं को होगा, क्योंकि उनके पास चुनने के लिए कई सर्विस प्रोवाइडर्स होंगे. मौजूदा वक्त में कुछ सरकारी और निजी कंपनियों का ही बिजली वितरण के क्षेत्र में दबदबा है.
एक ही क्षेत्र में होंगी कई बिजली वितरण कंपनियां
बिजली उपभोक्ताओं के पास भी उनके क्षेत्र में सेवाएं दे रही इन्हीं में से कोई एक कंपनी को चुनने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं होता है. प्रस्तावित बिल के आने के बाद मौजूदा वितरण कंपनियां अपनी सेवाएं जारी रखेंगी, लेकिन उसी क्षेत्र में दूसरी बिजली वितरण कंपनियां भी पावर सप्लाई का बिजनेस कर सकेंगी. ऐसे में उपभोक्ताओं के पास कई सारी बिजली कंपनियों में से चुनाव करने का विकल्प होगा.
नई कंपनियों को रजिस्टर करना होगा
ऐसी कंपनियां जो बिजली वितरण के कारोबार में उतरना चाहती हैं, उन्हें केंद्र सरकार योग्यता शर्तों का पालन करना होगा और बिजली वितरण शुरू करने से पहले खुद को वाजिब कमीशन के साथ रजिस्टर्ड करना होगा, कमीशन को भी कंपनी को 60 दिन के अंदर रजिस्टर्ड करना होगा. कमीशन रजिस्ट्रेशन को रद्द भी कर सकता है, अगर कंपनी योग्यता शर्तों पर खरा नहीं उतरती है.