सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला अध्यापिका थीं -भाजपा
हापुड़।
जनपद के गढमुक्तेश्वर में पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा “सामाजिक न्याय सप्ताह” के तहत व महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती के अवसर पर आयोजित “सामाजिक न्याय सप्ताह संगोष्ठी”में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को हुआ वे एक भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें महात्मा फुले एवं ”जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है। सितम्बर 1873 में इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं व पिछडे और अछूतो के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे।
जिला अध्यक्ष रमेश राणा ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फूले भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे।
जोतिराव गोविंदराव फुले के
अन्य नाम
महात्मा फुले, जोतिबा फुले, जोतिराव फुले
इनकी जीवनसाथी
सावित्रीबाई फुले
इनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा था जिला प्रभारी गोस्वामी ने कहा कि फुले समाज की कुप्रथा, अंधश्रद्धा की जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे। अपना सम्पूर्ण जीवन उन्होंने स्त्रियों को शिक्षा प्रदान कराने में, स्त्रियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया उस समय में स्त्रियों को शिक्षा नहीं दी जाती थी। फुले महिलाओं को स्त्री-पुरुष भेदभाव से बचाना चाहते थे। उन्होंने कन्याओं के लिए भारत देश की पहली पाठशाला पुणे में बनाई थीं।
पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश मंत्री मुनेश योगी ने कहा कि स्त्रियों की तत्कालीन दयनीय स्थिति से फुले बहुत व्याकुल और दुखी होते थे इसीलिए उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेंगे। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले को स्वयं शिक्षा प्रदान की। सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला अध्यापिका थीं।
इस अवसर पर गढ़ विधायक हरेंद्र तेवतिया , पूर्व विधायक कमल मलिक , पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य मनोज वाल्मीकि , जिला अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग रिंकू सैनी , जिला उपाध्यक्ष राजेश शर्मा भूमि विकास बैंक चेयरमैन सुभाष प्रधान ,कार्यक्रम संयोजक पुनिता गोयल समेत आदि कार्यकर्ता रहे।
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