हापुड़। बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध परिषदीय स्कूलों में राशन कार्ड की अनिवार्यता से हजारों छात्रों का नामांकन अटक गया है। प्रेरणा पोर्टल पर इस बार नामांकन होना है, जिसमें राशन कार्ड को प्राथमिकता दी गई है। बिना कार्ड की एंट्री किए प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। स्थानीय स्तर पर इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा, ऐसे में लक्ष्य पूरा न होने से शिक्षक परेशान हैं।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों में नए छात्रों का नामांकन शुरू किया गया है। निकाय चुनाव के चलते नामांकन की रफ्तार पहले ही धीमी है, क्योंकि शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में आ गई है। साथ ही गेहूं कटाई और गर्मी के कारण भी बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। लेकिन इससे भी बड़ी परेशानी नामांकन पोर्टल पर राशन कार्ड की अनिवार्यता का होना है।
हर विद्यालय में नए छात्र का नामांकन करने के दौरान उसका पता, आईडी और फोटो अपलोड करने के साथ ही एक कॉलम राशन कार्ड का आ रहा है। इस कॉलम में राशन कार्ड के अलावा कोई और आईडी लगाने का भी विकल्प नहीं दिया गया है। हजारों छात्रों के परिवारों पर राशन कार्ड नहीं हैं, ऐसे में स्कूल आने के बावजूद शिक्षक इन छात्रों का नामांकन नही ंकर पा रहे हैं।
शिक्षकों ने इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी और बीएसए को अवगत कराया है। लेकिन उन्होंने मामला उच्चस्तरीय बताकर पल्ला झाड़ लिया। इसका नुकसान छात्रों को उठाना पड़ रहा है।
बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों से घट रहे नामांकन
शहर, गांवों में बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों की भरमार है। बीएसए कार्यालय के अधिकारियों के संरक्षण से ही ऐसे स्कूल चल रहे हैं।
अपने वार्ड, गांव में अच्छी पकड़ होने का फायदा उठाकर छात्रों का एडमिशन ले लेते हैं, जिस कारण परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या घट रही है।
उच्चाधिकारियों को कराया अवगत
पोर्टल पर नामांकन के दौरान राशन कार्ड की अनिवार्यता के मामले में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। छात्रों का नामांकन आसानी से हो सके, इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है। – अर्चना गुप्ता, बीएसए