वृद्धाश्रम में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन,कवि सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करके हमे रास्ता दिखाने का कार्य करते हैं-अमित शर्मा टोनी,बिजेन्द्र गर्ग
हापुड़ (अमित अग्रवाल मुन्ना)।
अखिल भारतीय साहित्यालोक एवं आवासीय वृद्धाश्रम संचालित संस्था जनहितकारी सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में यहां दोयमी रोड स्थित आवासीय वृद्धाश्रम में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव ने की मंच का संचालन प्रख्यात कवि डा.अनिल बाजपेई ने किया।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ विशिष्ट अतिथि विजेंद्र गर्ग,प्रमोद गुप्ता,अमित शर्मा(टोनी) गोपाल शर्मा,मोहित जैन,अर्पित,सुनील गोयल,वीरेंद्र गुप्ता ने दीप प्रज्वलन करके कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय व्यापार मंडल के जिला अध्यक्षअमित शर्मा(टोनी) एवं प्रसिद्ध समाजसेवी विजेंद्र गर्ग लोहेवाले ने कहा कवि सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करके हमे रास्ता दिखाने का कार्य करते हैं। विशिष्ट अतिथि वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पंडित गोपाल शर्मा एवं समाजसेवी प्रमोद गुप्ता ने कहा वृद्ध हमारे पूज्यनीय एवं वंदनीय हैं।हमें उनका आशीष प्राप्त करते रहना चाहिए।
मंच का संचालन करते हुए डा. अनिल बाजपेई ने पढ़ा,
प्रेम शक्ति है,भक्ति है,प्रेम पूजा है,प्रार्थना है,अरदास है,प्रेम सुखद अनुभूति है,प्रेम सुखद अहसास है,
प्रेम सुगंधित समीर है,प्रेम बहता पावन गंगा का नीर है, बिजनौर से पधारे डा० प्रमोद शर्मा प्रेम ने पढा़़़
बन्द हो लाख दीवारों में तुम पर न समझो झरोखा नहीं है।
छोडो छोटा बड़ा गैर अपना अब
किसी का भरोसा नहीं है।
रुड़की से आए डा० विनय प्रताप सिंह ने पढा््््
सरल से स्वभाव का सबसे ही लगाव का जीवन वो गांव का अब कहां मिलता है।
डॉ सुदेश यादव दिव्य ने पढ़ा-
सकल संसार मां से है, ये ममता प्यार मां से है।
ये हंसता खेलता पूरा मेरा परिवार मां से है। मेरा आधार मां से है।प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव ने इस अवसर पर अपनी दार्शनिक रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। और उनकी ग़ज़ल के पर्यावरण पर केन्द्रित,इस शेर ने तो खूब वाहवाही बटोरी-
कितने जंगल क़त्ल होंगे,इक सड़क के वास्ते
एक उखड़े पेड़ ने बेहद रुलाया है मुझे।
कवयित्री मधु मिश्रा ने इस अवसर अपनी कविता सुनाई
धरती पर भोर उतर आई
कोयल ने बजाई शहनाई।
नोएडा से पधारी कवयित्री श्रीमती पल्लवी त्रिपाठी ने पढ़ा
साल साल भर प्यासे चातक, हमने गाते देखे हैं
दिल में ग़म, आंखों में आंसू, लब मुस्काते देखे हैं
प्रेम की भाषा प्रेमी समझे जग वाले तो मूरख हैं
राधे-राधे सुनकर हमने कान्हा आते देखे हैं।
गाजियाबाद से पधारी गरिमा आर्य ने पढ़ा,कभी तेरी हसीं फुरसत मेरी फुरसत से मिल जाए
कभी समझे मेरी चाहत, मेरी किस्मत ही खिल जाए।
ज़माने भर ने ठुकराया, बस एक तूने ही समझा था
तेरी आंखों में बसता जो, मेरी पलकों पे ठहरा था।
योगाचार्य क्षमा शर्मा,कनक गुप्ता एवं शिवानी शर्मा को सम्मानित किया गया।
वृद्धाश्रम संचालिका रीतिका शर्मा,ने सभी का आभार व्यक्त किया। आश्रम संचालक अर्पित ने सभी कवियों को पटका,बुके,स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।पूनम, विनीत,मुकेश,पवन गर्ग विनीत,रोहतास,विकास,श्योदान,संजय,मुकेश,शशि गोयल,नरेश मिश्र,कृष्ण अवतार शर्मा,उपस्थित थे।
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