वट अमावस्या पर्व पर की गंगातटों की सफाई कर विश्व शांति की कामना
हापुड़(अमित मुन्ना)।
वट अमावस्या पर्व पर लोकभारती के प्रांत सयोंजक भारत भूषण गर्ग के तत्वावधान में गंगाग्राम पुष्पावती पूठ में गंगा तटों को साफ करके मछलियों को आटे की गोलियां खिलाकर सम्पूर्ण विश्व की शांति की कामना की गयी।
वट अमावस्या पर्व के पवित्र दिवस के उपलक्ष्य में हरिशंकरी का रोपण किया गया।
भारत भूषण गर्ग ने बताया कि वट अमावस्या के दिन ही सत्यवती ने अपने पति की रक्षा के लिए वट वृक्ष के नीचे ही तपस्या की थी।हरिशंकरी में वड़, पीपल व पिलखन के पेड़ एक बड़ें थाले में ही लगाए जाते हैं ये ब्रह्मा विष्णु महेश के प्रतिनिधि माने जाते हैं।
ये वृक्ष पूरे वर्ष भंडारा व धर्मशाला का काम करते हैं।क्योंकि तीनों वृक्षो पर किसी न किसी पेड़ पर फल आते ही रहते हैं तथा इतनी छाया बनी रहती है कि पशु पक्षी व मानव इसके नीचे धूप व बरसात में उक्त सभी आसरा पाते हैं।
इस अवसर पर मूलचंद आर्य,सूबेदार जगदीश चौहान,विनोद कुमार, अवधबिहारी, महेश केवट,यथार्थ भूषण व बिसंभर भगत जी आदि उपस्थित रहे।
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