fbpx
News

मां ममता की मूर् ती, मां ही है भगवान,इस जग में कोई नहीं, मां से अधिक महान”! -अनिल वाजपेई

हापुड़। हिंदी प्रोत्साहन समिति के तत्वावधान में यहां एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कवि डा अनिल बाजपेई ने की तथा मंच का संचालन गरिमा आर्य ने किया।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा,”मां ममता की मूर् ती, मां ही है भगवान,इस जग में कोई नहीं, मां से अधिक महान”!
“मां शब्द इतना बड़ा,क्या दूं में उपसर्ग,अनिल उसी के पांव में बसा हुआ है स्वर्ग”!
डा आराधना बाजपेई ने पढ़ा,” पांचाली के नयन से ,बहा जिस तरह नीर,केशव ने आकर तभी,बढ़ा दिया निज चीर,
राधा हरि की शक्ति हैं, हरि राधा के प्राण,राधे राधे जो जपे हो सदैव कल्याण,!
कवि डॉ० मन्जीत सिंह अवतार ने पढ़ा-
“बड़े से बड़ा खतरा टल जाता है
गमों का शोला यहां जल जाता है,
जब मां का आशीर्वाद साथ हो मेरे
तो मौत का भी रास्ता बदल जाता है.. ” गरिमा आर्य ने पढ़ा,”वतन की आन पर मर जायेंगे
देश का ऊंचा नाम कर जाएंगे
आंख उठी वतन पर गर कोई टेढ़ी
उसे जमींदोज़ सदा को कर जाएंगे।”। पूजा अरोड़ा ने पढ़ा,
“क्यों होती है बेटिया बाबुल से दूर
कर नहीं सकती सेवा क्यों हो जाती है मजबूर,बाबुल ने पालना झुलाया ,माँ ने सुनाई थी लोरी,सब अपनी जगह थे क़ायम ,क्यों बेटियों ने दहलीज़ छोड़ी।”
देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा,”चारों तरफ कांटे, दामन बचाइए,आप भी फूल से मुस्कराइये,”
अंत में गरिमा आर्य ने सभी का आभार व्यक्त किया।

Show More

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page